नई दिल्ली (New Dehli)। इलेक्ट्रिॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम (Electronic Toll Collection System) में फास्टैग से स्वत: टोल टैक्स(toll tax) कटने की व्यवस्था ने राष्ट्रीय राजमार्गों (national highways)पर सड़क यात्रियों के सफर (journey)को आसान बनाया है, लेकिन इससे एक तरफ जहां सड़क यात्रियों को राहत मिली है तो वहीं, दूसरी तरफ बिना यात्रा किए फास्टैग से स्वत: टोल टैक्स भी कट गया। पिछले वित्तीय वर्ष में हेल्पलाइन नंबर 1033 पर साढ़े आठ लाख से अधिक फास्टैग से जुड़ी शिकायतें दर्ज हुई हैं। यानी फास्टैग को लेकर प्रतिदिन करीब 2400 शिकायतें की गई। इसमें डेढ़ लाख से अधिक शिकायतें ऐसी हैं, जिसमें यात्रा नहीं की गई फिर भी फास्टैग से स्वत: टोल टैक्स कट गया।
वहीं, सवा लाख से अधिक शिकायतों में तय दर से अधिक टोल लेने की हैं। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रायल के सार्वजनिक उपक्रम भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड (आईएचएमसीएल) ने वित्तीय वर्ष 2022-23 की रिपोर्ट जारी की है। इस कपनी का गठन प्रमुख रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल टैक्स से जुड़ी सुविधा-शिकायतों के लिए हुआ है।
हेल्पलाइन नंबर पर 8.66 लाख शिकायतें मिलीं
रिपोर्ट में उल्लेख है कि गत वित्तीय वर्ष में एनएचएआई के हेल्पलाइन नंबर पर कुल 8,66,971 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इसमें 1,55,657 शिकातयों में कहा गया है कि उन्होंने यात्रा नहीं की फिर भी उनके फास्टैग से टोल टैक्स कट गया। कुछ मामलों में उनकी सहमति के बिना टोल कटा गया। वहीं, 1,26,850 सड़क यात्रियों ने फास्टैग के माध्यम से टोल टैक्स की तय दरों से अधिक पैसे वसूलने की शिकायतें की है, जबकि 1,68,060 वाहनों में फास्टैग लगा होने के बावजूद उनको टोल प्लाजा बैरियर से जाने की इजाजत नहीं मिली। 35,580 सड़क यात्रियों के बैंक में पर्याप्त बैलेंस होने के बावजूद फास्टैग में कम बैलेंस दिखाया गया अथवा फास्टैग ब्लैक लिस्ट दिखाया गया।
सौ फीसदी शिकायतों का निपटान
आईएचएमसीएल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1033 पर दर्ज की गई शिकायतों का 100 फीसदी निपटारा कर दिया गया। यानी कुल 8,66,971 शिकायतों का समाधान हो गया। विशेषज्ञों का कहना है कि फास्टैग में कम बैलेंस होने अथवा ब्लैक लिस्ट होने पर सड़क यात्री से जुर्माने के तौर पर दो गुना टोल टैक्स लेने का प्रावधान है। वहीं, 1,68,060 वाहनों में फास्टैग लगा होने पर टोल प्लाजा बैरियर पार नहीं कर पाए। ऐसी स्थिति में वाहन को बिना फास्टैग माना जाता है और दो गुना टैक्स देना होता है।
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