चंडीगढ़। त्योहार आते ही बाजार में मिलावटी दूध (adulterated milk) से बनी मिठाइयों की भरमार आ जाती है। इसके अलावा मिलावटी मावे (adulterated milk) की भी दस्तक शुरू हो चुकी है, हालांकि फूड सेफ्टी विभाग (Food Safety Department) द्वारा समय समय पर इन मिठाई विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।
आपको बता दें कि दूध में पानी के अलावा यूरिया और शकर की मिलावट तो की ही जा रही है, खास बात यह है कि यह सब छोटी प्राइवेट डेयरियों में ही नहीं, बल्कि सहकारी दुग्ध संघों द्वारा संचालित डेयरी में भी किया जा रहा है। ऐसी ही जानकारी पंजाब में त्योहारी सीजन में अब तक लिए गए दूध के 41 फीसदी सैंपल से आई है।
राज्य के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) द्वारा तैयार एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो महीनों में 676 दूध के नमूने एकत्र किए हैं, जिनमें से 278 असुरक्षित पाए गए इस दौरान प्रशासन सूखे मेवों की गुणवत्ता की भी जांच कर रहा है। असुरक्षित दूध का उपयोग और मिठाई को सजाने के लिए एल्युमिनियम की पत्ती (वर्क) के अंधाधुंध उपयोग ने राज्य में चल रहे त्योहारों के मौसम में प्रशासन के सामने बड़ी समस्या खड़ी कर दी है।
आमतौर पर मिठाइयों को सजाने के लिए इस्तेमाल होने वाले शुद्ध चांदी की पत्ती की जगह एलुमिनियम की पत्ती का इस्तेमाल भी एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती बनकर उभरा है। इस महीने में चांदी की पत्ती की गुणवत्ता की जांच के लिए राज्य भर में 164 नमूने लिए गए है।
एफडीए अधिकारियों ने कहा कि हालांकि एकत्र किए गए नमूनों की अभी भी एक प्रयोगशाला में जांच की जा रही है, लेकिन यह सामान्य था कि एकत्र किए गए कई नमूने चांदी के बजाय एल्यूमीनियम के थे। विशेषज्ञों के अनुसार एल्युमीनियम का सेवन स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के मानकों के अनुसार, एल्यूमीनियम का उपयोग मानव उपभोग के लिए असुरक्षित है। वहीं दूसरी ओर एफडीए ने सूखे मेवों की गुणवत्ता की जांच पर भी विशेष जोर दिया है इसके लिए अब तक 100 से ज्यादा सैंपल लिए जा चुके हैं। जिनकी जांच की जा रही है।
मिलावटी मिठाई की जांच के लिए फूड सेफ्टी विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसकी पूरी तैयारी कर ली है। बता दें कि दीपावली में दूध, घी, मैदा, डालडा, खोवा, मेवा समेत अन्य सामग्री में मिलावट की जाती है। खरीदारी के दौरान सावधानी बरतने की जरूरत है।
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