नई दिल्ली। राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल (Leader of the House in Rajya Sabha Piyush Goyal) ने बुधवार को विपक्षी सदस्यों (opposition members) के सदन में किये गये व्यवहार को शर्मनाक (Shameful) और संसदीय परंपरा के घोर अपमान (gross insult to parliamentary tradition) की संज्ञा देते हुए कहा कि विपक्षी सदस्यों ने सभी मर्यादाओं को तोड़ते हुए एक महिला सुरक्षाकर्मी के साथ दुर्व्यवहार किया और उसका गला घोटने की कोशिश की।
गोयल और उपसभापति ने मानसून सत्र के अंतिम दिन अपने संबोधन में इस सत्र के दौरान विपक्षी सदस्यों के आचरण की घोर निंदा करते हुए कहा कि सदन में हुई सभी घटनाओं की छानबीन के लिए एक विशेष समिति गठित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि संसदीय परंपराओं को तार-तार करने वाले विपक्षी सदस्यों के खिलाफ निलंबन जैसी सामान्य कार्रवाई नहीं, बल्कि ऐसी कठोर कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में सदन सामान्य ढंग से चल सके।
नेता सदन ने मानसून सत्र के दौरान विपक्षी सदस्यों के हंगामे और व्यवधान को सुनियोजित करार देते हुए कहा कि विपक्ष के कई वरिष्ठ नेताओं ने अपनी यह मंशा जाहिर कर दी थी कि वे सदन नहीं चलने देंगे। अपनी इसी मंशा के तहत विपक्षी सदस्यों ने केवल शोरगुल और हंगामा ही नहीं किया, बल्कि सभापति, राज्यसभा के महासचिव और सुरक्षाकर्मियों पर भी हमला करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि मार्शलों ने अपनी जान जोखिम में डालकर आसन और महासचिव टेबल पर काम करने वाले अधिकारियों की रक्षा की।
गोयल ने कहा कि सबसे शर्मनाक घटना बुधवार को हुई जब एक महिला सुरक्षाकर्मी का गला दबाने की कोशिश की गई। उन्होंने सदन में पिछले दिनों हुई घटनाओं का भी सिलसिलेवार उल्लेख किया। गोयल ने कहा कि एक सदस्य ने टेबल पर चढ़कर एक भारी-भरकम दस्तावेज सभापति के आसन की ओर फेंका। यदि उस समय सभापति अपने आसन पर होते तो वे घायल हो सकते थे। इसी तरह सदन से निलंबन के बाद भी कुछ सदस्यों ने सदन छोड़ने से इनकार कर दिया। इस घटना में एक सुरक्षाकर्मी टूटे हुए कांच के लगने से घायल हुआ।
गोयल ने कहा कि विपक्षी सदस्यों के इस निंदनीय आचरण को पूरे देश ने देखा है तथा देश की जनता उन्हें माकूल जवाब देगी।
आगे उन्होंने कहा कि ओबीसी आरक्षण संबंधी संविधान संशोधन विधेयक पर शांतिपूर्ण चर्चा से सत्ता पक्ष को आशा बनी थी कि अन्य विधेयकों को भी चर्चा के बाद पारित किया जा सकेगा, लेकिन विपक्ष अपने पुराने रवैए पर अड़ा रहा।
गोयल ने कहा कि आसन की ओर से बार-बार यह निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी सदस्य सभापति के आसन के सामने न आए। इसके बावजूद विपक्षी सदस्यों ने बिना मास्क लगाए और कोविड प्रोटोकॉल को नजरअंदाज करते हुए आगे आकर बार-बार हंगामा किया।
संविधान संशोधन विधेयक पारित करने के बाद सदन में हंगामे के बीच राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021 और राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित कर दिया। इसी बीच विपक्ष के अधिकांश सदस्य सदन के बाहर चले गये।
पीयूष गोयल के संबोधन के बाद उपसभापति हरिवंश ने सदन के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की। राष्ट्रगीत वंदे-मातरम के साथ ही सदन का मानसून सत्र समापन हुआ। (एजेंसी, हि.स.)
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