नई दिल्ली। ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन (British PM Boris Johnson) भारत के दौरे (India tour) पर हैं। इस दौरे पर उन्होंने आर्थिक और रक्षा संबंधों का विस्तार (Expansion of economic and defense ties) करके नई दिल्ली को रूसी निर्भरता से दूर करने में मदद करने के लिए कदमों की घोषणा की है। जॉनसन ने कहा कि ब्रिटेन भारत को एक ओपन जनरल एक्सपोर्ट लाइसेंस (Open General Export License) जारी करेगा जिससे रक्षा खरीद के लिए डिलीवरी में कम वक्त लगेगा।
लड़ाकू जेट बनाने में मदद करेगा ब्रिटेन
दोनों पक्षों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक स्वतंत्र, खुले, समावेशी और नियम-आधारित आदेश की बात कही है। जॉनसन ने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेकर स्वास्थ्य क्षेत्रों में नए निवेश की घोषणा की। ब्रिटिश उच्चायोग ने कहा है कि नए खतरों को देखते हुए हम भूमि, समुद्र, वायु, अंतरिक्ष और साइबर में अगली पीढ़ी के रक्षा और सुरक्षा सहयोग को लेकर साथ काम कर रहे हैं।
ब्रिटेन ने कहा है कि वह भारत को लड़ाकू जेट बनाने में भी मदद करेगा। इसके साथ ही ब्रिटेन हिंद महासागर में खतरों की पहचान करने और उनका जवाब देने के लिए नई तकनीक के लिए भारत की आवश्यकताओं का समर्थन करने की भी कोशिश करेगा।
मुक्त व्यापार समझौता
नरेंद्र मोदी और बोरिस जॉनसन ने भारत-ब्रिटेन रक्षा साझेदारी का विस्तार करने पर सहमति व्यक्त की और 2022 के अंत तक एक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अंतिम रूप देने की योजना की घोषणा की है। मोदी ने कहा कि दोनों देशों की टीमें मुक्त व्यापार समझौते पर काम कर रही हैं। बातचीत अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है और हमने इस साल के अंत तक FTA को समाप्त करने की पूरी कोशिश करने का फैसला किया है। जॉनसन ने कहा कि हम अपने वार्ताकारों से कह रहे हैं कि अक्टूबर में दिवाली तक FTA को पूरा कर लिया जाए।
यूक्रेन पर क्या बात हुई?
भारत और ब्रिटेन ने शुक्रवार को रूस से यूक्रेन में तत्काल संघर्ष विराम का आह्वान किया है। मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों ने यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा की और मुद्दों को सुलझाने के लिए कूटनीति और बातचीत के महत्व पर जोर दिया। ब्रिटेन और भारत ने सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान के महत्व को दोहराया।
मोदी ने हाल ही में यूक्रेन की स्थिति को चिंताजनक बताया था और दोनों पक्षों से शांति की अपील की थी। भारत ने यूक्रेन में नागरिकों की हत्याओं की निंदा की है लेकिन अब तक रूस की आलोचना नहीं की है।
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