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राहुल-प्रियंका की यात्रा के पहले कांग्रेस के असंतोष को दबाने की कोशिश

January 10, 2025

  • दिग्गी-नाथ के समर्थकों को पद बांटे
  • पटवारी ने खेला एडजस्टमेंट का कार्ड

इंदौर । गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर कांग्रेस सुप्रीमो (Congress Supremo) राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की इंदौर (Indore) यात्रा के पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एडजस्टमेंट का कार्ड खेल लिया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कल शाम अचानक फेरबदल करते हुए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह और कमलनाथ के समर्थकों को पद बांट दिए गए हैं। इसके माध्यम से इन दोनों नेताओं को संतुष्ट करने की कोशिश की गई है।



जय बापू, जय भीम, जय संविधान अभियान के समापन के मौके पर गणतंत्र दिवस पर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी इंदौर जिले के महू आ रहे हैं। संविधान निर्माता बाबा साहब आंबेडकर की जन्मस्थली पर आयोजित रैली में यह नेता भाग लेंगे। इस संदर्भ में पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की वर्चुअल मीटिंग रखी गई थी। इस वर्चुअल मीटिंग में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजयसिंह ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पर निशाना लगा दिया था। कमलनाथ ने तो सीधे तौर पर कहा था कि मुझे गाली देने वालों को पद देकर उपकृत किया जा रहा है। इस बैठक में पटवारी को घेरने के बाद दोनों पूर्व मुख्यमंत्री बैठक से क्वीट कर गए थे। इस मामले के मीडिया में उजागर होने के बाद पार्टी के केंद्रीय नेताओं से दबाव बनवाकर कमलनाथ से यह बयान दिलवाया गया कि हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है। कांग्रेस में हम सभी एक हैं। पटवारी ने कोशिश करके कमलनाथ का यह बयान चाहे दिलवा दिया हो, लेकिन हकीकत तो उन्हें भी मालूम थी। ऐसे में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की आगामी यात्रा के दौरान प्रदेश कांग्रेस की गुटबाजी उजागर होकर सामने आने के आसार बढ़ते जा रहे थे। ऐसे में यदि इस यात्रा के दौरान राहुल, प्रियंका के समक्ष शिकायत की जाती और रैली में समुचित भीड़ नहीं जूट पाती तो पटवारी के लिए मुश्किल होती। ऐसी स्थिति में पटवारी ने एडजस्टमेंट का रास्ता अपनाया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कल अचानक फेरबदल करते हुए जिम्मेदारियों का बंटवारा किया गया है। इस बंटवारे में कमलनाथ और दिग्विजयसिंह के समर्थकों को मुख्य जिम्मेदारी देते हुए एडजस्ट करने की कोशिश की गई है। इस कोशिश के माध्यम से इन दोनों नेताओं को साधने और आलोचना नहीं करने की स्थिति बनाई गई है। कल की गई जिम्मेदारी वितरण की कार्रवाई में दिग्विजयसिंह की झोली ज्यादा भरी गई है। उनके समर्थक फूलसिंह बरैया, डॉ. विक्रांत भूरिया, आतिफ अकील, प्रियव्रतसिंह, जयवर्धनसिंह, पीसी शर्मा आदि को मुख्य जिम्मेदारी दी गई है। कमलनाथ के समर्थक महेंद्र जोशी, विभा बिंदु डांगर, राजीवसिंह, रवि जोशी, रोशनी यादव को जिम्मेदारी देकर एडजस्ट किया गया है। इसके साथ ही प्रदेश संगठन कार्यालय मंत्री की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी से पटवारी ने अपने समर्थक संजय कामले को नवाज दिया है।

आज भोपाल की बैठक में देंगे लक्ष्य
राहुल गांधी, प्रियंका गांधी की आगामी यात्रा को देखते हुए आज भोपाल में कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं की बैठक बुलाई गई है। यह बैठक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और मध्यप्रदेश के प्रभारी भंवर जितेंद्रसिंह लेंगे। ऐसा समझा जाता है कि इस बैठक में 26 जनवरी के कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए नेताओं को अलग-अलग जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके साथ ही इस अवसर पर आयोजित की जाने वाली रैली में भीड़ जुटाने के लिए सभी को अलग-अलग लक्ष्य भी दिए जाएंगे।

इधर गणतंत्र, उधर छुट्टी का दिन…26 जनवरी को भीड़ कैसे जुटेगी…कांग्रेसी चिंता में
26 जनवरी को राहुल और प्रियंका की महू में होने वाली सभा को लेकर कांग्रेस नेताओं में भीड़ को लेकर अभी से चिंता दिखाई दे रही है। राष्ट्रीय स्तर का आयोजन होने के बाद कार्यक्रम में करीब डेढ़ लाख लोगों को इक_ा करना चुनौतीभरा दिखाई दे रहा है, क्योंकि इस दिन 26 जनवरी गणतंत्र दिवस है और हर जगह कोई न कोई आयोजन होते रहते हैं। रविवार होने के कारण यूं भी इस दिन लोग छुट्टी के मूड में ही रहेंगे। संविधान बचाओ के नारे को लेकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े भी आने वाले हैं। पूरा दारोमदार प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी पर है। उनके प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी का मध्यप्रदेश में यह पहला दौरा है। सभा के माध्यम से कांग्रेस भाजपा द्वारा संविधान में संशोधन और अपमान को लोगों के बीच ले जाना चाह रही है, ताकि प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाया जा सके। दूसरी ओर नेताओं को यह भी चिंता सता रही है कि इस दिन इतनी बड़ी तादाद में कार्यकर्ताओं को इक_ा करना चुनौतीभरा है।

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