ये तो समझदार थे इसलिए बच गए, आप भी रखों समझदारी
इंदौर। डिजिटल अरेस्ट (digitally arrest) कर एक सूबेदार (subedar) को उलझाने वालों ने मुंह की खाई, खुद को क्राइम ब्रांच (Crime Branch) का अधिकारी बताकर उन्होंने इंदौर (Indore) के ट्रैफिक ( traffic) सूबेदार को फोन लगाया और कहा कि तुम्हारा बेटा रैप के केस में फंसा है। रुपए ट्रांसफर करों नही तो गिरफ्तार कर मीडिया के सामने पेश कर देंगे। हालांकि ठग यह नहीं जानते थे कि जिस सूबेदार को वह फोन लगा रहे थे, उसका बेटा महज चार साल का है और वह घर पर ही रहता है।
ट्रैफिक सूबेदार सुमित बिलौनिया जब साथी पुलिसकर्मियों के साथ पश्चिम क्षेत्र में ड्यूटी कर रहे थे, तभी उनके वाट्सएप पर प्लस 92 की सीरिज वाले नंबर से फोन आया। हालांकि सूबेदार नंबर देखकर ही समझ गए थे कि ठग का फोन हो सकता है। इसके बाद सूबेदार ने फोन उठाया तो सामने वाला कहने लगा कि वह क्राइम ब्रांच से बोल रहा था। तुम्हारे बच्चे ने एक बच्ची का रेप किया है, उसे गिरफ्तार किया है। अभी 50 हजार रुपए ट्रांसफर कर दो नहीं तो लिखा-पढ़ी में गिरफ्तारी दिखाते हुए मीडिया के सामने पेश कर देंगे। सूबेदार कुछ देर तक उनकी बातों को सुनते रहे। मोबाइल पर बात करने वाले शख्स के ब्रेकग्राउंड में भी हुबहू ऐसी आवाज आ रही थी, जैसे पुलिस अधिकारियों के दफ्तरों से आती है, उनकी बात करने का तरीका भी असली के अधिकारियों जैसा था,लेकिन सूबेदार ने जब उन्हें कहा कि मुझे मुर्ख मत बनाओ, मेरा बेटा तो महज चार साल का है। इस पर सामने वाले ने अपशब्द कहकर फोन काट दिया।