नई दिल्ली: बांग्लादेश में सांप्रदायिक हिंसा के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. हिंदुओं के मुख्य त्योहार दुर्गा पूजा पर 13 अक्टूबर से शुरू हुई हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. बांग्लादेश के कोमिल्ला में दुर्गा पूजा पंडालों में हमले के बाद रविवार को रंगपुर के उपजिला पीरगंज में हिंदुओं के घरों को आग लगाने का मामला सामने आया है. बांग्लादेश के मीडिया हाउस ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, ये घटना पीरगंज के एक गांव रामनाथपुर यूनियन में माझीपारा के जेलपोली में घटी है. रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ कट्टरपंथियों ने हिंदुओं के 20 घरों को जलाया हालांकि, स्थानीय संघ परिषद के अध्यक्ष के मुताबिक, उपद्रवियों ने 65 घरों को आग के हवाले कर दिया है.
सोशल मीडिया पोस्ट से फिर भड़की हिंसा
पुलिस के मुताबिक, ये मामला भी सोशल मीडिया पोस्ट से जुड़ा हुआ है और एक हिंदू शख्स के फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट के बाद ही तनाव पैदा हो गया था. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर इस युवक को तो सुरक्षा मुहैया कराते हुए उसके घर को तो सुरक्षित कर लिया लेकिन उपद्रवियों ने उसी लोकेशन में आसपास के घरों में आग लगा दी. इस मामले में ढाका ट्रिब्यून के अध्यक्ष मोहम्मद सादकुल इस्लाम के अनुसार, उपद्रवी जमात-ए-इस्लामी और छात्र शाखा इस्लामी छात्र शिविर की स्थानीय इकाई के थे.
सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो भी सामने आए हैं जिनके बारे में दावा किया जा रहा है कि वे पीरगंज के हैं. इस वीडियो में गांव में घरों को जलाते हुए और पुलिस हमलावरों से भिड़ते हुए देखी जा सकती हैं. आगजनी के तुरंत बाद पुलिस और हमलावरों के बीच झड़प और भागदौड़ भी देखी जा सकती है. हालांकि ढाका ट्रिब्यून ने इन वीडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं की है.
गौरतलब है कि कोमिल्ला में दुर्गा पूजा के पंडालों में हमले करने के चलते दर्जनों लोगों को अरेस्ट किया गया है. दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ ही 10 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार का समापन भी हो चुका है. दुर्गा पूजा के घरों में सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम बढ़ाया गया था और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश ट्रूप्स के सैनिकों को बांग्लादेश के कई जिलों में भेजा गया था. बता दें कि इन सांप्रदायिक हिंसा में चांदपुर के हाजीगंज में पूजा स्थलों पर हमले के दौरान पुलिस की गोलीबारी में कम से कम चार लोग मारे गए, जबकि नोआखली के चौमुहानी में शुक्रवार को हिंदू मंदिरों पर हुए हमले में दो लोगों की मौत हो गई. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से लेकर गृहमंत्री तक इन हमलों की तीखी आलोचना कर चुके हैं और इन्हें देश को अस्थिर करने की साजिश करार दे चुके हैं.
गौरतलब है कि बीते बुधवार को बांग्लादेश में चांदीपुर के हाजीगंज उपजिला में दुर्गा पूजा समारोह के दौरान भड़की सांप्रदायिक हिंसा में 3 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 60 लोग घायल हो गए. इस दौरान चटगांव के बांसखाली, कॉक्स बाजार के पेकुआ और शिवगंज के चापाईनवाबगंज समेत कुल 80 से अधिक स्थानों पर हमले किए गए, जिससे बांग्लादेश में अशांति फैल गई और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) के जवानों, पुलिस और RAB की बड़ी टुकड़ियों को तैनात करना पड़ा है. हिंसक झड़पों के बाद चांदपुर, कॉक्स बाजार, बंदरबन, सिलहट, चटगांव और गाजीपुर में स्थिति गंभीर बनी हुई है.
शेख हसीना ने भारत को भी दी थी नसीहत
इस मामले में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने चेतावनी देते हुए कहा था कि जो कोई भी इस हमले में शामिल हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा चाहे वो किसी भी धर्म के हों. शेख हसीना ने इसके साथ ही भारत को भी सतर्क रहने के लिए कहा है. बीबीसी बांग्ला की रिपोर्ट के मुताबिक, शेख हसीना ने कहा कि भारत में भी ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए जिसका असर बांग्लादेश पर हो और वहां के हिंदू समुदाय को नुकसान पहुंचे.
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