मुंबई। मुंबई (Mumbai) के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Former Police Commissioner Parambir Singh) के ‘लेटर बम’ के बाद उठे सियासी भूचाल के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) और एनसीपी (NCP)के प्रमुख शरद पवार(Sharad Pawar) की गुप्त मीटिंग की खबरों से महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट और बढ़ गया. हालांकि अमित शाह और शरद पवार की सीक्रेट मीटिंग(Secret Meeting) को महाविकास अघाड़ी के घटक दल शिवसेना(Shivsena) ने अफवाह बताया है. शिवसेना ने कहा है कि पवार और शाह की मुलाकात ही नहीं हुई. साथ ही शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी को अपनी गुप्त बीमारी से जल्दी ठीक होना चाहिए.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लेख के जरिए अमित शाह और शरद पवार की सीक्रेट मीटिंग पर अपनी प्रतिक्रिया दी. सामना के संपादकीय में शिवसेना ने लिखा, ‘बेचैनी क्यों है? शरद पवार और अमित शाह के बीच गुप्त बातचीत की अफवाह से दो-चार दिन चर्चा तो होगी ही. इस गुप्त बैठक का संबंध राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार से जोड़ा जा रहा है. ठाकरे सरकार दो दिनों में ही गिर जाएगी, ऐसा दावा भी कुछ लोगों ने किया. वास्तविकता यह है कि इस प्रकार की किसी भी मुलाकात और गुप्त मंत्रणा से पवार की ओर से साफ इंकार कर दिया गया है.’ शिवसेना ने लिखा, ‘देश के जो गृहमंत्री होंगे, वे उस समय अमदाबाद में होंगे. वे और शरद पवार जैसे नेता मानो एक-दूसरे से मिले भी हों तो इसमें गलत क्या है? यह गुप्त मुलाकात अमदाबाद की बजाय मुंबई-दिल्ली में अधिक आसानी से नहीं हो सकती थी क्या? पवार-शाह की मुलाकात नहीं हुई. वो मुलाकात जो हुई ही नहीं, उसके बारे में खुद अमित शाह ने अमदाबाद में पतंग उड़ाई. पत्रकारों ने जब उनसे इस मुलाकात के बारे में पूछा, तब शाह ने कहा कि ऐसी बातों को सार्वजनिक नहीं किया जाता.’ बीजेपी पर तंज कसते हुए सामना में लिखा गया, ‘विरोधी दल सत्ता के लिए उतावला होकर किस प्रकार से बिलबिला रहा है. शाह-पवार की बैठक गुप्त थी तो फिर यह खबर लीक कैसे हुई? ऐसी गुप्त बैठक तो शाह और उद्धव ठाकरे के बीच हुई ही थी.उस गुप्त बैठक में जो तय हुआ उसके अनुसार कार्य न होने से भाजपा को विरोधी दल में बैठना पड़ा. जिस प्रकार महाराष्ट्र में ठाकरे सरकार मजबूत है, उसी प्रकार भाजपा का विरोधी दल की बेंच का स्थान भी मजबूत है. शरद पवार के आसपास भ्रम का माहौल बनाकर और गुड़ की डली को पिघलाना, बीजेपी का ऐसा षड्यंत्र होगा.’ शिवसेना ने आगे लिखा, ‘केंद्रीय जांच एजेंसी के दबाव और राज्यपाल की विशेष सहायता के बावजूद महाराष्ट्र सरकार हिलने को तैयार नहीं है. फिलहाल पवार थोड़े बीमार हैं. उनके पित्ताशय का ऑपरेशन हो रहा है. लेकिन विफलता और निराशा के कारण भाजपा सकपकाई हुई है. पवार शीघ्र ही स्वस्थ होकर काम पर लगेंगे. भाजपा भी अपनी गुप्त बीमारी से जल्दी ठीक हो.’