उज्जैन। गरीब उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है, उन्हें अब आने वाले दिनों में कंट्रोल की दुकान पर ना लाइन में लगना पड़ेगा ना इंतजार करना पड़ेगा। आने वाले दिनों में सरकार कंट्रोल की दुकान पर अनाज के एटीएम लगाने जा रही है। अब प्रदेश की कंट्रोल दुकानों पर रुपए निकालने वाले एटीएम मशीन की तरह ही एटीएम सुविधा शुरू करने की तैयारी कर ली गई है। शुरुआत में इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में भोपाल में शुरू किया जा रहा है। अगर वहाँ यह प्रयोग सफल रहा तो पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। इसके पीछे सरकार की मंशा गरीबों के राशन की होने वाली कालाबाजारी और उपभोक्ताओं को सुविधा देने की है। इस मशीन का नाम फूड एटीएम रखा गया है। उत्तराखंड में इसी प्रकार के मशीनों से कंट्रोल की दुकानों पर राशन दिया जाता है। उत्तराखंड की तर्ज पर ही मध्यप्रदेश में भी यह मशीन लगानें की बात की जा रही है। भोपाल में डेमो के तौर पर यह मशीन लगाई गई है। अभी कंपनी से अनुबंध की प्रक्रिया जारी है। इस नई प्रक्रिया में मशीन पर अंगूठा लगाते ही उपभोक्ता का राशन फूड एटीएम पर दर्ज हो जाएगा जो मशीन की स्क्रीन पर दिखेगा। उसके बाद मशीन का बटन दबाते ही उपभोक्ता का अनाज मशीन से निकल जाएगा। इसके लिए हितग्राही को मोबाइल नंबर, आधार नंबर और राशन कार्ड का नंबर मशीन से लिंक कराना पड़ेगा। इस मशीन के संचालन के लिए राशन दुकान संचालक और हितग्राहियों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा। यह फूड एटीएम मशीन पहले बड़े शहरों में लगाई जाएगी, इसके बाद पूरे प्रदेश में इसे लगाने का काम शुरू होगा।
पहले की मशीनें कूड़ा हो गई..
प्रदेश सरकार राशन दुकान तथा कार्यालय को ऑनलाइन करना चाहती है लेकिन उसके लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं दे पाती है। कंट्रोल की दुकानों पर पहले भी थंब मशीन लगाई गई है जो अधिकांश समय खराब पड़ी रहती है और बार-बार इसका सर्वर डाउन हो जाता है। ऐसे में कंट्रोल दुकान संचालकों को मैन्युअल तरीके से रजिस्टर में दर्ज कर अनाज देना पड़ता है। इसी प्रकार फूड एटीएम मशीन भी यदि खराब हो गई तो फिर मैन्युअल स्थिति में ही अनाज वितरण करना पड़ेगा। सरकार डिजिटल क्रांति के नित नए प्रयोग तो करती है ।
उपभोक्ताओं को 3 किलो चावल और 2 किलो गेहूं
मध्य प्रदेश सरकार गेहूं उत्पादन में अपने आप को अव्वल बताती है और गोदाम खूब भरे हैं यह भी कहती है लेकिन पिछले 1 साल से कंट्रोल की दुकान पर गेहूं कम मात्रा में मिल रहे हैं, जबकि मालवा क्षेत्र में गेहूं की रोटी खाने का प्रचलन है लेकिन उपभोक्ताओं को पिछले दिनों तो 4 किलो चावल और 1 किलो गेहूं दिया जा रहा था। अभी वर्तमान में 3 किलो चावल और 2 किलो गेहूं दिया जा रहा है। ऐसे में उपभोक्ता परेशान है लेकिन सरकार की नीति के आगे मजबूर है। इसके पीछे जब कारण पूछा गया तो बताया जाता है कि सरकार के गोडाउन में अभी गेहूं नहीं है, क्योंकि पिछली बार समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी कम हुई थी और अब गोडाउन खाली है। अब नया गेहूं समर्थन मूल्य में मार्च महीने से खरीदा जाएगा।
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