बीजिंग। डिजिटल भुगतान (Digital Payment) के क्षेत्र में चीन(China) के बढ़ता विकास धीरे धीरे पूरे देश में ऑटेमेटेड टेलर मशीन (ATM) मशीनों को चलन से बाहर कर सकता है। यहां पर लोगों में ‘कैशलेस’ व्यवस्था (Cashless system) की ओर रुझान में काफी इजाफा आया है। बता दें कि चीन की अर्थव्यवस्था दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। जानकारी के अनुसार, साल 2020 के अंत में चीन में 1 लाख 13 हजार 900 एटीएम (ATM) मशीनें थीं। यह आंकड़ा साल 2019 के मुकाबले 83,900 कम था। बता दें कि चीन में एटीएम मशीनों की संख्या में कमी की शुरुआत साल 2018 से हुई थी, लेकिन इसमें तेजी पिछले साल ही देखने को मिली है।
चीन में एटीएम मशीनों की संख्या में गिरावट इसलिए भी आई है क्योंकि व्यापारी अब ऑनलाइन भुगतान को प्रमुखता दे रहे हैं। दूसरी ओर, कोविड-19 महामारी ने भी लोगों को इस ओर खींचा है। यहां के फुटकर दुकानों और फलों की दुकानों पर भी ऑनलाइन भुगतान को प्रमुखता दी जा रही है। औद्योगिक रिपोर्ट्स के अनुसार चीन में पहली एटीएम मशीन साल 1985 में स्थापित की गई थी। वहीं, देश के सबसे बड़े बैंकों में से एक बैंक ऑफ चाइना का कहना है कि उसने पहला एटीएम कार्ड साल 1987 में जारी किया था। बिटक्वॉइन जैसी डिजिटल करेंसी सामने आने के बाद से चीन अपनी खुद की डिजिटल करेंसी ‘डिजिटल युआन’ के उपयोग पर जोर दे रहा है, जो देश में एटीएम मशीनों की संख्या को और कम कर सकता है। वहीं, भारत की बात करें तो यहां सितंबर 2020 में एटीएम मशीनों की संख्या दो लाख 34 हजार 244 थी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डाटा के अनुसार मार्च 2020 के मुकाबले इस आंकड़े में कमी आई है। उल्लेखनीय है कि मार्च में यह संख्या दो लाख 34 हजार 357 थी।