नई दिल्ली। सरकार एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) को वस्तु एवं सेवा कर (GST) के दायरे में लाने का प्रस्ताव कर सकती है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक , सरकार इसमें वैट (VAT) या एक्साइज (Excise) रेट के साथ 18 फीसदी जीएसटी लगाने का प्रस्ताव कर सकती है.
इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि इस फॉर्मूले को तभी पेश किया जाएगा, जब केवल वह सभी राज्यों को मंजूर होगा. फॉर्मूले के तहत वैट या एक्साइज रेट राज्य के हिसाब से अलग हो सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि वैश्विक तौर पर भी एटीएफ के मामले में बहुत से देशों में जीएसटी रेट प्लस वैट / एक्साइज के ऐसे फॉर्मूले का इस्तेमाल किया गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी अधिकारी ने दावा किया कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम (CBIC) ने जीएसटी के तहत एटीएफ को शामिल करने के मॉडल का आकलन किया है. उसने आगे कहा कि जीएसटी काउंसिल को आखिरी फैसला लेने के लिए वैश्विक तौर पर सबसे बेहतर मॉडल के बारे में जानकारी दी जाएगी. इससे कुछ दिन पहले देश भर में एटीएफ की कीमतें बढ़कर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं थीं. अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से 16 फरवरी को रेट में 5.2 फीसदी का इजाफा हुआ था.
यह दो महीने से कम समय में जेट फ्यूल या एटीएफ की कीमतों में चौथी बार बढ़ोतरी हुई थी. इसकी वजह वैश्विक तेल की कीमतों में इजाफा था. लेकिन लगातार 103वें दिन पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसे उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों में नई सरकार को चुनने के लिए चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.
ATF की कीमतों में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 4,481.63 प्रति किलोलीटर या 5.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी. सरकारी तेल कंपनियों द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, इसके साथ कीमतें 90,519.79 प्रति किलोलीटर पर पहुंच गई हैं. यह एटीएफ द्वारा छुआ गया सबसे ज्यादा कीमत का आंकड़ा है. यह कीमत अगस्त 2008 में 71,028.26 रुपये प्रति किलोलीटर के आंकड़े से ज्यादा है, जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल कीमतें 147 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई थीं.
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