डेस्क: दिवाली के ठीक अगले दिन यानी 25 अक्टूबर को देश और दुनिया में आंशिक सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. यह ग्रहण भारत के कुछ शहरों से देखा जा सकता है. इस दुर्लभ खगोलीय घटना की सबसे खास बात यह है कि अगले एक दशक तक ऐसा ग्रहण भारत से नहीं देखा जा सकेगा. देश की राजधानी सहित यह ग्रहण जयपुर, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, नागपुर और द्वारका से भी दिखेगा. ग्रहण के दौरान, भारत के लोग धुंधले सूरज का 43 प्रतिशत हिस्सा ही देख पाएंगे. विशेषज्ञों का मानना है कि इस ग्रहण को नग्न आंखों से देखना हानिकारक होता है.
क्या होता है आंशिक सूर्यग्रहण?
सूर्य अपनी कक्षा में भ्रमण करता रहता है, लेकिन जब सूर्य और पृथ्वी के मध्य चंद्रमा आ जाता है तो हम लोगों को सूर्य दिखाई नहीं देता है, इसे ही सूर्य ग्रहण कहते हैं. आंशिक सूर्यग्रहण का मतलब है कि जब चांद, सूर्य की कुछ किरणों को पृथ्वी तक आने से रोक देता है, इसे ही आंशिक या पार्शियल सूर्यग्रहण कहते हैं. भारत में अगला सूर्य ग्रहण 2 अगस्त 2027 को दिखाई देगा, जो पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा.
ग्रहण के वक्त इन बातों का रखे ध्यान
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