नई दिल्ली । आकाशगंगा (Galaxy) में खगोलविदों (astronomers) को एक ऐसा डरावना और रहस्यमयी चक्र (वस्तु) नजर आया है, जिसे पहले कभी नहीं देखा गया। यह इतना विचित्र है कि हर 18 मिनट में दिखकर गायब हो जाता है, जिसके चलते वैज्ञानिक (Scientist) इसकी पहचान का दूर-दूर तक कोई अंदाजा नहीं लगा पा रहे हैं।
यही वजह है कि शुरुआत में इसे एलियन मानकर शोधकर्ता चिंता में पड़ गए थे, लेकिन फिर यह सही साबित नहीं हुआ। एक शोध के दौरान इस वस्तु को देखने वाले ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं का कहना है कि तेजी से घूमती यह चक्राकार आकृति धरती से चार हजार प्रकाश वर्ष दूर स्थित है, जो न सिर्फ बहुत चमकदार है बल्कि इसका चुंबकीय क्षेत्र बेहद मजबूत है।
यह हर घंटे में तीन बार भारी मात्रा में रेडियो ऊर्जा फेंक रही है। नेचर पत्रिका में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, इस चक्र को हमारी आकाशगंगा में रेडियो वेव सर्वे के दौरान एक यूनिवर्सिटी शोधकर्ता ने पकड़ा था। यह ‘शैतानी’ वस्तु न तो कोई सुपरनोवा है और न ही पल्सर, जिसके चलते इसे फिलहाल कोई नाम देना असंभव-सा हो गया है। हालांकि, इसकी पड़ताल के लिए ज्यादा जानकारी जुटाई जा रही है।
सटीक समय में गायब होकर चौंकाया
ऑस्ट्रेलिया की कर्टिन यूनिवर्सिटी की रेडियो एस्ट्रोनॉमर और इस वस्तु को खोजने वाली टीम की प्रमुख नताशा हर्ले-वॉल्कर का कहना है, यह वस्तु इस तरह दिखती और गायब होती है, जैसे किसी ने समय तय कर रखा हो। शोध के दौरान जब हमने इस पर लगातार नजर रखी तो पता चला कि यह अब तक की सबसे अलग प्रकार की अंतरिक्षीय वस्तु है।
हर 20 मिनट में फेंक रहा भारी रेडियो ऊर्जा
वॉल्कर के मुताबिक, हालांकि अंतरिक्ष में पल्सर जैसी कई वस्तुएं हैं, जो दिखकर गायब होती हैं लेकिन इतने सटीक समय में यह गतिविधि करते आज तक किसी भी वस्तु को नहीं देखा गया। वॉल्कर कहती हैं कि 20 मिनट में इतनी ज्यादा रेडियो ऊर्जा पैदा करना असंभव लगता है।
रेडियो सिग्नल से पैदा हुई एलियन की आशंका
क्या अंतरिक्ष से आते इतने मजबूत रेडियो संकेत (सिग्नल) एलियंस द्वारा भेजे जा सकते हैं, इस सवाल पर वॉल्कर ने कहा कि शुरुआत में ऐसा मानकर मैं चिंता में पड़ गई थी। लेकिन शोधकर्ता व्यापक आवृत्तियों (फ्रीक्वेंसी) से आते इन संकेतों का निरीक्षण कर पा रहे थे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved