नई दिल्ली। हिंदू धर्म में माथे पर तिलक (Tilak ) लगाने का खास महत्व होता है. हिंदू धर्म की मान्यता है कि माथे पर तिलक लगाने से व्यक्ति के अन्दर सकारात्मकता आती है और कुंडली में मौजूद उग्र ग्रह शांत होते हैं. शुभ या मांगलिक अवसरों पर, विशेष पर्व (special festival) या त्योहारों पर सामान्यतः लाल तिलक लगाया जाता है. तिलक लगाने से व्यक्तित्व में सात्त्विकता झलकती है, लेकिन लाल रंग का तिलक इस इस राशि के लोगों को भूलकर भी नहीं लगाना चाहिए?
क्यों नहीं लगाना चाहिए लाल तिलक?
ज्योतिष (Astrology ) में रंगों का संबंध ग्रहों से बताया गया है. हमारे जीवन में सुख –दुख का प्रभाव ग्रहों के राशि परिवर्तन और चाल परिवर्तन पर भी निर्भर करता है. इसके साथ ही ग्रहों से संबंधित रंगों का प्रभाव भी व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है. ज्योतिष के मुताबिक, लाल रंग का संबंध मंगल ग्रह (Mars planet) से है. लाल रंग को सबसे शक्तिशाली रंग माना जाता है. ज्योतिष में मंगल को साहस और पराक्रम (courage and might) का ग्रह माना गया है. इन्हें क्रूर ग्रह कहा गया. मंगल की तरह लाल रंग भी उत्तेजना और क्रोध का प्रतिनिधि करता है.
इन्हें नहीं लगाना चाहिए लाल रंग का तिलक
ज्योतिष शास्त्र में मंगल को मेष राशि और वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह माना गया है. ग्रहों का प्रभाव उनके स्वामित्व वाली राशियों पर सबसे अधिक पड़ता हैं. मंगल ग्रह का रंग लाल है, इनके लिए लाल रंग बेहद शुभ माना जाता है. ऐसे में मेष और वृश्चिक राशि के जातकों की कुंडली में मंगल नीच और अशुभ भाव (Mars low and inauspicious) में हों तो इन जातकों में उत्तेजना और क्रोध की वृद्धि होती है. ऐसे लोगों के लिए लाल रंग शुभ नहीं होता है. इन लोगों को लाल रंग अशुभ फल प्रदान करता है. इसलिए इन्हें लाल रंग से बचना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इन स्थिति में मेष और वृश्चिक राशि के जातकों को लाल रंग का तिलक नहीं लगाना चाहिए.
लाल रंग से शनि देव होते है नाराज
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि और मंगल ग्रह में शत्रुता का भाव रहता है. वहीं शनि को काला रंग प्रिय है जबकि शनि को लाल रंग से नफरत है. ऐसे में शनि के स्वामित्व वाली राशियों मकर और कुंभ राशि के जातकों के लिए लाल रंग अशुभ माना जाता है.
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