नई दिल्ली। नगर स्थित मां पीतांबरा ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र के प्रमुख आचार्य ओम शास्त्री (Acharya Om Shastri) ने बताया कि आज 22 फरवरी से मांगलिक कार्य बंद (demanding work closed) हो जाएंगे। 14 अप्रैल के बाद ही शुभ मुहूर्त में विवाह (marriage in auspicious time) आदि मांगलिक कार्य फिर शुरू होंगे। 20 फरवरी के बाद विवाह का पहला मुहूर्त 15 अप्रैल (First time of marriage 15 April) को है।
दरअसल, गुरु व शुक्र तारा अस्त होने के कारण मांगलिक कार्य नहीं होंगे। सोमवार 21 फरवरी सुबह 8 बजकर 50 मिनट से गुरु वार्धक्य शरू होगा। गुरुवार 24 फरवरी सुबह 08 बजकर 50 मिनट पर गुरु तारा पश्चिम में अस्त होगा और अगले माह यानी 26 मार्च शनिवार शाम 06 बजकर 38 मिनट पर गुरु पूर्व में उदय होगा। विवाह एवं मांगलिक कार्यों के लिए गुरु और शुक्र तारा का उदय होना एवं शुभ मुहूर्त का होना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
गुरु एवं शुक्र अस्त के इन दिनों में विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन संस्कार, शपथ ग्रहण करना। शिलान्यास, व्रत उद्यापन, यगोपवीत संस्कार आदि शुभ मांगलिक कार्य करना पूर्णतः वर्जित है। गुरु और शुक्र तारा अस्त के दौरान बालक के जन्म लेने के बाद के सूतक आदि संस्कार, नामकरण, पूजन-हवन, गण्डमूल शांति, सगाई समेत भूमि, वाहन, ज्वेलरी आदि की खरीद-फरोख्त की जा सकती है।
इस साल होलाष्टक 10 मार्च शुरू होगा जो 17 मार्च 2022 को खत्म होंगे। तब तक कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य सम्पन्न नहीं होंगे। सूर्य देव जब भी गुरु की राशि में गोचर करते हैं तभ भी शुभ व मांगलिक कार्यों में रोक लग जाती है। 14 मार्च से सूर्य देव मीन राशि में गोचर करेंगे, जिसके कारण भी एक माह शुभ कार्यों में रोक लग जाएगी। सूर्य का मीन गोचर में कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य सम्पन्न नहीं करना चाहिए।
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