नई दिल्ली। सूर्य (Sun) के नजदीक गुरु ग्रह (Jupiter) के आने से गुरु बृहस्पति अस्त हो रहे हैं। इसके साथ ही शादियों पर विराम लग जाएगा। सूर्य देव मकर राशि (sun god Capricorn) को छोड़कर कुंभ राशि में प्रवेश (entering Aquarius) करेगें। 22 फरवरी गुरु बृहस्पति के अस्त होने के बाद से न मांगलिक कार्यक्रम होगें न शहनाई बजेगी। कुंभ राशि में सूर्य व गुरु की युति 12 साल बाद बन रही है। इससे पहले कुंभ राशि में गुरु और शनि की युति बनी थी।
बृहस्पति ग्रह को गुरु कहा जाता है। ये ग्रह धनु और मीन राशि का स्वामी ग्रह हैं। गुरु ज्ञान, शिक्षा, दान, पुण्य व धार्मिक कार्य के कारक माने जाते हैं। ज्योतिष की मानें तो जिस व्यक्ति पर इस ग्रह की कृपा बरसती है उसका जीवन खुशहाल रहता है। गुरु ग्रह कुंभ राशि में गोचर कर रहा है। इस ग्रह के अस्त होने की अवधि 22 फरवरी से 22 मार्च तक रहेगी। कुंभ राशि में गुरु व सूर्य की युति का संयोग 12 साल बाद बन रहा है। गुरु बृहस्पति के अस्त होने के बाद मांगलिक कार्यक्रम में विराम लग जाएगा। वहीं एक महीने तक शहनाई की गूंज भी नहीं सुनाई देगी।
कुंभ राशि में गुरु बृहस्पति के अस्त होने का लाभ दो राशियों को अधिक मिलेगा। मेष और सिंह राशि के लिए गुरु का गोचर होना किस्मत बदलेगा। ऐसा संयोग कई साल बाद बन रहा है।
6 राशियों के लिए शुभ रहेगा गुरु का अस्त
गुरु बृहस्पति का अस्त होना वृषभ, मिथुन, तुला, धनु, मकर और कुंभ राशि के लिए बहुत ही फलदायी होगा। इन राशि के जातकों के लिए मां लक्ष्मी की कृपा बरसेगी। घर में सुख-समृद्धि आएगी।
4 राशियों के जातक रहें सर्तक
गुरु के अस्त होने पर कर्क, कन्या, वृश्चिक और मीन राशि वालों को सावधान रहना होगा। ऐसे लोगों को बेवजह विवाद से बचना होगा। धन हानि होने की भी संभावनाएं प्रबल हैं।
गुरु गोचर का राशियों पर प्रभाव
मेष राशि: इस राशि के जातकों के लिए साल के शुरुवाती महीनों में गुरु ग्यारहवें भाव में मौजूद रहेगें।
वृषभ राशि: इस राशि के जातकों के लिए गुरु दसवें भाव में रहेगें। ऐसे में जातक के जीवन में बदलाव के संकेत हैं।
मिथुन राशि: इस राशि के जातकों के लिए गुरु बृहस्पति नौवें भाव में गोचर रहेंगे। जो भाग्य बदल सकता है।
कर्क राशि: इस राशि के जातकों के लिए गुरु का राशि परिवर्तन आठवें भाव में रहेगा। ऐसे में संभल कर रहें।
सिंह राशि: सिंह राशि के लिए साल के शुरुआत में देव गुरु बृहस्पति सातवें भाव में रहेगें। जो शुभ सूचक है।
कन्या राशि: इस राशि के जातकों के लिए गुरु बृहस्पति छठे भाव में रहेगें। जो जातकों के लिए शुभ सूचक है।
तुला राशि: तुला राशि के जातकों के लिए गुरु का गोचर पांचवें भाव में रहेगा। इस साल इस राशि पर धन संचय के संयोग हैं।
वृश्चिक राशि: इस राशि के लिए गुरु का गोचर चौथे भाव में रहेगा। सुख समृद्धि के साथ धन लाभ के संकेत हैं।
धनु राशि: गुरु का राशि परिवर्तन धनु राशि के जातकों के लिए तीसरे स्थान पर रहेगा। लक्ष्य प्राप्ति के लिए समय प्रतिकूल रहेगा।
मकर राशि: इस राशि में गुरु का गोचर दूसरे भाव में होगा। धन संचय के साथ धन खर्च होने के संकेत प्रबल हैं।
कुभ राशि: कुंभ राशि के जातकों के लिए गुरु लग्न राशि में रहेगा। इससे जातक की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
मीन राशि: मीन राशि के जातकों के लिए गुरु का राशि परिवर्तन बारहवें भाव में रहेगा। धन संपदा में इजाफा होने के संकेत हैं।
गुरु बृहस्पति किसी एक राशि में गोचर करने के लिए लगभग एक वर्ष का समय लेते हैं। गुरु ग्रह को दो राशियों का अधिपत्य प्राप्त है धनु और मीन। अस्त से तीन दिन पहले वाध्र्यक व उदय से तीन दिन पहले तक बालपन अवस्था में रहते हैं। कृष्ण पक्ष चैत्र षष्ठी को गुरु बृहस्पति उदय होगें।- पं जयराम शुक्ल,ज्योतिषाचार्य
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