दोस्तों आप तो जानते ही हैं कि भारत देश कोरोना (Corona) वायरस की दूसरी लहर से जूझ रहा है और इस समय स्वस्थ्य रहना एक कठिन चुनौती हो गई है । समय सेहत का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, खासकर सांस संबंधी विकारों से जो लोग पीड़ित हैं उन्हें सतर्क रहना चाहिए। अस्थमा भी एक ऐसी ही बीमारी है जिसमें मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है। ये एक श्वसन संबंधी रोग है जो तब होती है जब सांस की नली में कोई रुकावट पैदा हो जाती है। ऐसा कफ अथवा एलर्जी (Allergies) के कारण हो सकता है जिससे सांस लेने में बहुत कठिनाई होती है। वैश्विक महामारी (Global epidemic) कोरोना इन परेशानियों को और बढ़ा सकता है, ऐसे में आइए जानते हैं कि किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
इन मरीजों को रखना चाहिए अधिक ध्यान:
स्वास्थ्य विशेषज्ञों (Health experts) का मानना है कि रेस्पिरेट्री वायरस अस्थमा के मरीजों में लक्षणों को और बद्तर कर सकते हैं। जिन लोगों को अनियंत्रित अस्थमा की शिकायत होती है, उनके फेफड़ों में पहले से ही सूजन होती है। ऐसे में कोरोना से इन मरीजों को निमोनिया, फाइब्रोसिस (Fibrosis) और दूसरी श्वसन संबंधी बीमारी का खतरा होता है।
ऐसी डाइट करें फॉलो:
अस्थमा के मरीजों को अपनी डाइट में गाजर, पालक, अदरक, लहसुन, हल्दी और काली मिर्च जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। इनमें प्रचुर पोषक तत्व (Nutrients) पाए जाते हैं जो अस्थमा से लड़ने में मदद करते हैं।
इनसे बनाएं दूरी:
अस्थमा के मरीजों को दूध और पनीर जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स के सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही, अंडा, बादाम, मछली, फ्राइड और प्रोसेस्ड फूड्स खाने से बचें।
घर की साफ-सफाई भी जरूरी:
कई बार मरीजों में दमा का अटैक विकराल रूप ले सकता है। हालांकि, ये तभी होता है जब मरीज किसी ऐसी चीज के संपर्क में आते हैं जिनसे उन्हें एलर्जी हो। ऐसे में अस्थमा मरीजों (Asthma patients) के परिवार के लोगों को घर एकदम साफ-सुथरा रखना चाहिए। आप चाहे अपने घर पर रहें, ऑफिस में रहें या फिर कहीं ट्रैवल कर रहे हों, अपने आसपास की जगह को एलर्जी-प्रूफ रखना बहुत जरूरी है। इससे मरीजों में दमा का अटैक आने की संभावना कम हो जाती है।
जल्द लें टीका:
अगर अस्थमा का कोई मरीज हाल-फिलहाल में कोरोना से उबरा है तो पूरी तरह ठीक होने और क्वारंटीन खत्म करने के बाद ही टीका लें। इस समय जब तक जरूरी न हो तब तक घरों से बाहर न निकलें। अस्थमा की दवाइयां लॉन्ग टर्म की होती हैं ताकि दमा के लक्षण और अटैक को रोका या कम किया जा सके। भले ही आप में दमा के लक्षण न भी हों फिर भी आपको ये दवाइयां ( medicines) हर दिन लेने की जरूरत है ।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य सूचना के लिए इन्हें किसी प्रोफेशनल डॉक्टर की सलाह के रूप में समझें । कोई भी बीमारी या परेंशानी हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें ।
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