नई दिल्ली । वैज्ञानिकों (scientists) का कहना है कि दुनिया के सबसे बड़े और अपनी तरह के सबसे शक्तिशाली नासा (NASA) के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) को मई में लगातार क्षुद्रग्रह हमलों (asteroid attacks) की वजह से स्थायी नुकसान पहुंचा था. ये नासा का वही दूरबीन है, जिसके द्वारा खींची गई पहली तस्वीरों ने दुनिया को हैरत में ला दिया है. एक नए प्रकाशित पेपर के अनुसार, वैज्ञानिकों के एक समूह ने कहा कि इसके कमीशनिंग स्टेज के दौरान जेम्स वेब के प्रदर्शन को रेखांकित करने के बाद टेलीस्कोप ने समस्याओं की सूचना दी कि उसे “ठीक नहीं किया जा सकता”.
उन्होंने कहा कि दूरबीन के भी “पूरे हिस्से में एक छोटा-सा असर पड़ा, जिसे अभी तक मापा नहीं जा सका है”. वैज्ञानिकों ने रिपोर्ट में कहा, “वर्तमान में, अनिश्चितता का सबसे बड़ा स्रोत अंतरिक्ष में मिलने वाले छोटे-छोटे कणों का दीर्घकालिक प्रभाव है जो धीरे-धीरे दूरबीन के प्राथमिक दर्पण को कम कर देते हैं.”
22 मई को जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का प्राथमिक दर्पण छह सूक्ष्म क्षुद्रग्रहों से टकराया था. इनमें से छठे एस्टेरॉयड के हमले ने टेलीस्कोप को काफी नुकसान पहुंचाया. शुरू में यह माना जा रहा था कि नुकसान ज्यादा नहीं है, लेकिन लेकिन अब वैज्ञानिकों के नए पेपर से पता चलता है कि यह सोच से ज्यादा गंभीर हो सकता है.
पेपर में वैज्ञानिकों ने कहा, “हालांकि नुकसान के बावजूद स्पेस टेलीस्कोप के प्राथमिक दर्पण के रिजोल्यूशन पर कोई असर नहीं पड़ा है, लेकिन वेब को डिजाइन करने वाले इंजीनियरों का मानना है कि क्षुद्रग्रहों के हमलों के असर से दर्पण और सनशील्ड की क्षमता अनिवार्य रूप से धीरे-धीरे घटती चली जाएगी.”
10 अरब डॉलर कीमत से तैयार नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का मकसद ब्रह्मांडीय इतिहास के हर चरण का पता लगाना है. इसकी पहुंच हमारे सौर मंडल के भीतर से लेकर प्रारंभिक ब्रह्मांड में सबसे दूर दिखने वाली आकाशगंगाओं तक है.
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