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छत्तीसगढ़ में सहायक शिक्षकों की दंडवत परेड; प्रियंका गांधी बोले, यह दुर्दशा का एक छोटा नमूना…

January 14, 2025

नई दिल्‍ली । छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh)में नौकरी से निकाले गए बीएड सहायक शिक्षकों(B.Ed Assistant Teachers) ने राजधानी रायपुर (Raipur is the capital of the state)में दंडवत होकर सरकार से नौकरी (job from government)पर रखे जाने की गुहार लगाई। रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में चल रहे छत्तीसगढ़ राज्य युवा महोत्सव के बाहर बीएड सहायक शिक्षकों के इस अनोखे प्रदर्शन का वीडियो वायरल हो गया है। अब बीएड सहायक शिक्षकों की मांग और प्रदर्शन को लेकर सियासत भी सुलग उठी है।

यह तो दुर्दशा का एक छोटा नमूना


कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक्स पर बीएड सहायकों के प्रदर्शन का एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा- छत्तीसगढ़ का यह वीडियो देश के युवाओं की दुर्दशा का एक छोटा सा उदाहरण है। प्रदेश में 33 हजार शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं जबकि 1 लाख नौकरी देने का वादा करने वाली भाजपा सरकार ने 3 हजार शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया है। ये लड़कियां नौकरी की गुहार लगाते हुए इस कड़ाके की ठंड में सड़क पर लेटकर विरोध जता रही हैं।

युवाओं का भविष्य अंधकार में धकेला

प्रियंका गांधी वाड्रा ने आगे लिखा- आज उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ समेत हर राज्य के युवा भाजपा के भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। भाजपा ने पूरे देश के युवाओं का भविष्य अंधकार में धकेल दिया है।

भूपेश बघेल ने भी बोला हमला

कांग्रेस के कद्दावर नेता एवं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने युवाओं के इस दंडवत निवेदन पर सरकार को घेरते हुए अपने सोशल मीडिया अकाउंड X पर लिखा- ‘युवाओं के दंडवत होकर सरकार से निवेदन को लेकर कहा कि ‘यह दृश्य देखकर बेहद कष्ट हो रहा है। युवाओं के आदर्श स्वामी विवेकानंद की जयंती के दिन छत्तीसगढ़ के युवा सड़कों पर दंडवत होकर सरकार से निवेदन के लिए अनुनय यात्रा निकाल रहे हैं, लेकिन यह संवेदनहीन और निर्लज्ज सरकार करोड़ों खर्च कर ‘युवा महोत्सव’ मनाने का ढोंग कर रही है।’

पुलिस ने की रोकने की कोशिश

बताया जाता है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारी सहायक शिक्षकों को रोकने का भी प्रयास किया, लेकिन वे आगे बढ़ते रहे। इससे पहले सहायक शिक्षकों ने नेताओं के बंगलों पर फरियाद किया था। नवा रायपुर के धरना स्थल पर पुरुष शिक्षकों ने सरकार के इस फैसले के विरोध में मुंडन भी करवाया था।

नए साल में 2897 को नौकरी से निकाला

बता दें कि साल 2025 के पहले दिन भाजपा सरकार ने 2897 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया था। सरकार ने इनकी बहाली के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है। प्रदेश में इतनी बड़ी संख्या में नियमित कर्मचारियों को पहली बार पदमुक्त किया गया है। यह कोई ठेका या संविदा कर्मचारी नहीं है। इन शिक्षकों को सरकार ने भर्ती निकालकर प्रक्रिया पूरी करने बाद नौकरी दी थी।

बस्तर-सरगुजा संभाग के अधिकतर शिक्षक

अदालत के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने 2897 शिक्षकों की सेवा समाप्ति का आदेश जारी किया। शिक्षकों को अपनी बात रखने के लिए सात दिनों का समय दिया गया था। इन शिक्षकों की भर्ती कांग्रेस और भाजपा सरकार के दौरान हुई थी। दो काउंसिलंग कांग्रेस कार्यकाल और दो काउंसिलिंग भाजपा सरकार बनने के बाद भी 9 फरवरी 2024 तथा 7 मार्च 2024 को हुई थी, जिसके बाद सभी की नियुक्ति की गई थी। बर्खास्त अधिकांश शिक्षक बस्तर और सरगुजा संभाग के हैं। 2897 सहायक शिक्षकों में से 70 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति वर्ग से आते हैं।

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