भोपाल। राजधानी में पिछले कई सालों से सांसद एवं विधायकों को मुफ्त में मिली जमीन पर फ्लेट बनाने का काम चल रहा है। जो अब पूर्णत: की ओर है। इसमें से कुछ विधायक एवं सांसदों ने घर लेने में इच्छा जाहिर नहीं की है। ऐसे में बचे घरों को विधानसभा के अधिकारी एवं कर्मचारियों को बेचने की तैयारी है। इसके लिए जमीन लीज की शर्तांे को बदला जाएगा। विधानसभा सचिवालय ने लीज की शर्त बदलने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेज दिया है। जिस पर कैबिनेट द्वारा फैसला लिया जाएगा।
24 साल पहले सांसद एवं विधायकों को 6.16 एकड़ जमीन मुफ्त मेें देते समय राजस्व विभाग ने शर्त रखी थी कि इस प्रोजेक्ट में जितने भी बहुमंजिला टावर बनेंगे, उसके फ्लैट सिर्फ वर्तमान व पूर्व जनप्रतिनिधि के लिए ही होंगे।मप्र आवास संघ की ओर से तैयार नए प्रस्ताव में कहा गया है कि कुल 368 फ्लैट में 88 फ्लैट जिनमें एचआईजीए सीनियर एमआईजी, जूनियर एमआईजीए एलआईजी और ईडब्ल्यूएसद्ध ऐसे हैं। जिनकी अभी तक बुकिंग ही नहीं हुई। इसके अलावा जो बुकिंग हुई है, उसमें से भी कुछ लोग खरीदने के इच्छुक नहीं हैं। इसलिए लीज की शर्त बदली जाए। इसके बाद बचे हुए फ्लैट खरीदने में प्राथमिकता विधानसभा के अधिकारियों व कर्मचारियों को दी जाए। इसके बाद भी बचे रह जाएं तो मप्र शासन के अधिकारी व कर्मचारी ले सकेंगे। विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने बताया कि आवास संघ ने इस तरह का प्रस्ताव भेजा है। जिसे शासन को भेज दिया है।
कर्मचारियों को सस्ते में मिलेंगे घर
रचना नगर राजधानी में प्राइम लोकेशन पर है। इसकी बुकिंग के समय कीमत अधिकतम 50 लाख रही, जो अब 83 लाख के करीब है और न्यूनतम कीमत 6.85 लाख है। जो 10 लाख के करीब होगी। यानी विस के अधिकारी-कर्मचारी और शासन के लोगों को फ्लैट आधी से भी कम कीमत में मिल जाएंगे। निजी बिल्डरों के मुताबिक इस जगह पर फ्लैट की कीमत कम से कम एक से डेढ़ करोड़ रुपए होगी। एलआईजी भी लेने जाते हैं तो यह 30.40 लाख से कम में नहीं मिलेगा।
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