– नीरज कुमार दुबे
पंजाब विधानसभा चुनावों से पहले नेताओं ने जनता से बड़े-बड़े वादों की झड़ी लगा दी है, कोई मुफ्त बिजली, पानी देने की बात कर रहा है तो कोई पेंशन बढ़ाने का वादा कर रहा है तो कोई राशन फ्री देने तो कोई मोबाइल फ्री देने के वादे कर रहा है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी तो वादे करते-करते इतने आगे निकल गये हैं कि वह लोगों को विदेश में सैटल कराने की बात भी कह रहे हैं। चन्नी ने कहा है कि अगर कांग्रेस अगले विधानसभा चुनावों में सत्ता में लौटती है तो वह युवाओं को एक साल के भीतर एक लाख नौकरियां देगी और उन्हें विदेश जाने में मदद करने के लिए एक कार्यक्रम भी चलाएगी। चन्नी ने कहा है कि युवाओं को विदेश में बसने के लिए अंग्रेजी भाषा की परीक्षाओं की निःशुल्क कोचिंग भी दी जाएगी। चन्नी ने कहा है कि नौकरियों का वादा एक घोषणा नहीं है बल्कि पंजाब मंत्रिमंडल के फैसले के समर्थन में एक प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार का पहला फैसला ये नौकरियां मुहैया कराना होगा।
अब जब मुख्यमंत्री इतने बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं तो मुख्यमंत्री बनने की इच्छा अपने मन में वर्षों से दबाये पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू कहां पीछे रहने वाले हैं। सिद्धू ने वादा किया है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में वापस आती है तो गृहणियों को हर महीने 2,000 रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने गृहणियों को हर साल आठ मुफ्त रसोई गैस (एलपीजी) सिलेंडर देने का वादा भी किया है। इसके साथ ही सिद्धू ने आगे की पढ़ाई के लिए कॉलेजों में नामांकन कराने वाली लड़कियों को दोपहिया वाहन और 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाली लड़कियों को 20,000 रुपये देने का भी वादा किया है। इन वादों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा ने कहा है कि सिद्धू नयी सरकार के गठन का इंतजार क्यों करना चाहते हैं। उनकी पार्टी की सरकार अभी से ही इन्हें लागू क्यों नहीं कर देती?
हम आपको बता दें कि सिद्धू के ये वादे आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उन वादों के जवाब में आये हैं जिसमें केजरीवाल ने पंजाब में आप की सरकार बनने पर राज्य की 18 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये देने की घोषणा करने के साथ ही बाकायदा इसके लिए महिलाओं का पंजीकरण भी शुरू कर दिया है। वह मुफ्त बिजली, पानी और शिक्षा का वादा भी कर चुके हैं। सिद्धू के वादे सामने आने पर आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्डा ने आरोप लगाया है कि सिद्धू अरविंद केजरीवाल द्वारा की गई घोषणाओं की नकल कर रहे हैं।
बहरहाल, पंजाब की जनता को मुफ्त में क्या-क्या मिलेगा यह तो चुनाव परिणामों के बाद ही पता चलेगा लेकिन जहां तक मुद्दों की बात है तो पंजाब में भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टी के नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य और राष्ट्र की सुरक्षा को सबसे अहम मुद्दा बना लिया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह तो यहां तक कह रहे हैं कि भाजपा ही एकमात्र राजनीतिक पार्टी है जो राज्य की सुरक्षा और आर्थिक चुनौतियों की सुध ले सकती है। कांग्रेस में रहते समय भाजपा के घोर विरोधी रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह अब कह रहे हैं कि उनकी पार्टी का आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और शिरोमणि अकाली दल-संयुक्त के साथ गठबंधन राष्ट्रीय और राज्य के हित में है। उल्लेखनीय है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पिछले साल मुख्यमंत्री पद से हटाये जाने के बाद राज्य में सत्तारुढ़ कांग्रेस छोड़ दी थी और अपने नये राजनीतिक दल पंजाब लोक कांग्रेस का गठन किया था।
दूसरी ओर मुख्यमंत्री बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं तो शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल भी बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं साथ ही उन्होंने कहा है कि अगर चुनावों के बाद शिअद सत्ता में आती है तो ‘‘फर्जी विज्ञापन’’ लगाकर मुख्यमंत्री के तौर पर ‘‘जन निधि का दुरुपयोग’’ करने के लिए चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा। आगामी विधानसभा चुनावों में शिअद-बहुजन समाज पार्टी गठबंधन का नेतृत्व कर रहे सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि जनता की निधि का दुरुपयोग करना अपराध है।
पंजाब में नेताओं द्वारा किये गये वादों पर सरसरी निगाह डाली जाये तो एक चीज साफ है कि सभी दल महिलाओं को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं और अब तक किये गये वादों में से अधिकांश महिलाओं के लिए ही हैं। दरअसल पंजाब की तीन करोड़ से ज्यादा की आबादी में महिलाओं की संख्या अच्छी-खासी है। लोकसभा चुनावों के समय की मतदाता सूची के हिसाब से पंजाब में 2.04 करोड़ मतदाताओं में से 96.19 लाख महिलाएं थीं। पिछले कुछ चुनावों के ट्रेंड देखें तो पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा मतदान करती हैं इसीलिए विभिन्न पार्टियां महिलाओं के लिए बड़े-बड़े वादे कर रही हैं। अब पार्टियां भले महिलाओं से वादे कर रही हों लेकिन महिलाओं को बस में मुफ्त सफर की सुविधा या महीने में 1000 रुपए का भत्ता नहीं बल्कि सुरक्षा और समाज में बराबरी का अधिकार और शिक्षा की सुविधा चाहिए। पंजाब में सत्तारुढ़ कांग्रेस के बड़े नेताओं की पत्नियों ने ही जिस तरह महिलाओं से किये जा रहे वादों का विरोध करते हुए इसे महिलाओं के वोट खरीदने के समान बताया है वह दर्शाता है कि अपने अधिकारों के प्रति महिलाएं अब जागरूक हो चुकी हैं।
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