नई दिल्ली । चुनाव आयोग (Election Commission)की टीम ने हरियाणा (The team defeated Haryana)और जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir)दोनों का दौरा किया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)ने भी निर्देश दिया था कि 30 सितंबर से पहले ही जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के चुनाव करवाए जाएं। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के विधानसभा चुनाव साथ में कराए जा सकते हैं। बता दें कि अगले 6 महीने में ही महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड की विधानसभाओं को भी कार्यकाल खत्म हो रहा है। महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभाओं का कार्यकाल नवंबर में तो झारखंड का जनवरी में खत्म हो रहा है।
जम्मू-कश्मीर में पांच साल से चुनाव नही हुआ
जम्मू-कश्मीर की बात करें तो यहां पांच साल से विधानसभा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 को हटाने के खिलाफ अर्जियों पर सुनवाई करने केबाद कहा था कि यहां 30 सितंबर तक चुनाव करा दिए जाने चाहिए। पिछली तीन बार से हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव साथ में कराए गए हैं। हालांकि उससे पहले इन राज्यों के चुनाव अलग-अलग होते थे। इस बार भी महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव अलग-अलग होने की ही संभावना है।
आयुक्त ने तैयारियों को लेकर की मुलाकात
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और उनके साथी ज्ञानेश कुमार और एसएस संधू 8 से 9 अगस्त के बीच जम्मू-कश्मीर में थे। उन्होंने चुनाव की तैयारियों को लेकर संबंधित अधिकारियों से मुलाकात की। वहीं इस सप्ताह मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ अन्य अधिकारी चंडीगढ़ पहुंचे थे। 9 अगस्त को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, लोकतंत्र का जो सपना यहां के लोगों ने देखा है उसके साकार होने का समय आ गया है। जनता ने लंबी-लंबी कतारों में लोकसभा चुनाव में लोकतंत्र के त्योहार में हिस्सा लिया। और अब विधानसभा चुनाव में भी इसी तरह जनता हिस्सा लेगी।
चुनाव कराने कश्मीर में सुरक्षा की मांग
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के दौरे के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त गृह सचिव अजय भल्ला से मिले। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने के लिए सुरक्षा व्यवस्था की मांग की। सूत्रों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में प्रत्याशियों की सुरक्षा के लिए भी व्यवस्था की जरूरत होगी। वहीं इस बार विधानसभा चुनाव में ज्यादा प्रत्याशियों के भी उतरने की संभावना है। जानकारी के मुताबिक इस बार हर विधानसभा सीट पर औसतन 15 से 20 प्रत्याशी उतर सकते हैं। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 90 सीटें हैं। ऐसे में चुनाव आयोग 16 हजार सुरक्षाबलों की मांग प्रत्याशियों की सुरक्षा के लिए कर सकता है।
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