- सेतु निगम के अधिकारियों की रेलवे से चर्चा में अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला-टेंडर प्रक्रिया में भी लगेंगे 1 से 2 महीने
उज्जैन। फ्रीगंज का समानांतर ब्रिज अब चुनाव के बाद ही बनना शुरू हो सकेगा, इसका भूमि पूजन भी फिलहाल नहीं हो सकता क्योंकि यह मामला रेलवे और सेतु निगम के बीच अभी उलझा पड़ा है। फ्रीगंज पुल के समानांतर ब्रिज में पहले बड़ी मुश्किल से प्रशासकीय स्वीकृति आई और उसके बाद माना जा रहा था कि कुछ दिनों में इस ब्रिज के टेंडर लग जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पटरी के ऊपर का रेलवे ओवरब्रिज के भाग को कौन बनाएगा इसको लेकर अभी तक निर्णय नहीं हुआ है। रेलवे का कहना है कि सेतु निगम सम्मिलित टेंडर निकाल दे और इस काम को कर दे वहीं सेतु निगम चाहता है कि रेलवे के मापदंड के अनुसार यह ओवरब्रिज बने। इसको लेकर लोक निर्माण विभाग सेतु निगम के वरिष्ठ अधिकारियों की चर्चा रेलवे के अधिकारियों से चल रही है।
यह चर्चा पिछले एक माह से ज्यादा समय से चल रही लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं निकल पाया है। इसी के चलते अब उम्मीद कम बची है कि समानांतर ब्रिज का भूमि पूजन चुनाव के पहले हो पाएगा क्योंकि संभावना है कि अक्टूबर माह के पहले या दूसरे सप्ताह में आचार संहिता लग जाएगी वहीं यह संभव नहीं है कि रेलवे और सेतु निगम की चर्चा का कोई जल्दी हल निकल जाए वही यदि इस मामले में कोई निर्णय हो भी गया तो टेंडर प्रक्रिया में भी एक से डेढ़ महीना लगता है। मतलब आप साफ है कि नवंबर में विधानसभा चुनाव निपटेंगे और इसके बाद जिसकी भी सरकार बनेगी वहीं इस समानांतर ब्रिज का भूमि पूजन कर पाएगा। उल्लेखनीय की महाकाल लोक बनने के बाद शहर में यातायात तेजी से बढ़ गया है और शहर की सड़कें और ब्रिज छोटे पडऩे लगे हैं।