कोलकाता। 2021 के अप्रैल-मई में आसन्न विधानसभा चुनाव से पहले व्यापक जनसंपर्क के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को व्यापक जनसंपर्क अभियान की शुरुआत की है। “दुआरे-दुआरे सरकार” नाम से शुरू की गई इस योजना के तहत राज्य सरकार के अधिकारी प्रत्येक ब्लॉक में कैंप लगाएंगे और सभी सरकारी योजनाओं का लाभ उन उपभोक्ताओं तक पहुंचाएंगे जो अब तक इससे वंचित रहे हैं। सोमवार को बांकुड़ा में प्रशासनिक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसकी घोषणा की है। दरअसल विधानसभा चुनाव सिर पर है और भारतीय जनता पार्टी सत्ता पर काबिज होने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है। ममता बनर्जी के खिलाफ जबरदस्त एंटी इनकंबेंसी है। इसका अहसास 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य के 42 में से 18 सीटों पर भाजपा की जीत के बाद ही ममता बनर्जी को हो गया था। इसके बाद उन्होंने प्रशांत किशोर को राजनीतिक रणनीतिकार के तौर पर नियुक्त किया है।
तृणमूल सूत्रों ने बताया कि उन्हीं की सलाह के मुताबिक सीएम ने यह नई योजना शुरू की है ताकि अधिक से अधिक लोगों तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचे और ममता के पक्ष में माहौल बना रहे। मुख्यमंत्री ने सोमवार को बांकुड़ा में एक जनसभा में बोलते हुए कहा कि आज 1,200 लोगों को सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। एक दिसंबर से 31 जनवरी तक डोर-टू-डोर सरकार योजना चलेगी। सरकार की हरेक सेवा हर व्यक्ति तक पहुंचाई जाएगी। प्रत्येक दिन सुबह 11 बजे से प्रत्येक ब्लॉक में शिविर आयोजित किए जाएंगे। इस वर्ष भी बंगाल में एक मिलियन आवास प्रदान किए गए हैं। जिनके पुआल या मिट्टी के घर हैं उन्हें पहले घर दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में कोरोना की स्थिति में बेरोजगारी 40 फीसदी की वृद्धि हुई है। लेकिन बंगाल में, बेरोजगारी में 40 फीसदी की गिरावट आई है। अकेले बंगाल में, किसी भी सरकारी कर्मचारी को भुगतान नहीं रुका। बांकुड़ा जिले में 32,000 प्रवासी कामगारों को नौकरी मिली है। पूरे बंगाल में प्रवासी कामगारों को काम दिया गया है। ममता बनर्जी ने कहा कि माओवादी हमले में लापता लोगों के परिजनों को नौकरी मिल गई है। जंगलमहल में 10, 000 जूनियर कांस्टेबलों को नौकरी मिली है। उन्होंने आरोप लगाया कि सीपीएम-भाजपा के पास मामला-हमला दर्ज करने के अलावा कोई दूसरा काम नहीं है।
स्टार होटल से खाना लाकर अमित शाह ने किया आदिवासी के घर खाने का नाटक
-कुछ दिनों पहले, केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने बांकुड़ा में एक आदिवासी घर में दोपहर का भोजन किया था। इस संदर्भ में, मुख्यमंत्री ने व्यंग्य किया, “वह स्टार होटल से चावल लाए थे और एक दलित के घर पर ख़ाने का नाटक किया।” मुख्यमंत्री ने संथाल विद्रोह के नायक बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर अमित शाह द्वारा माल्यार्पण करने को लेकर उठे विवाद पर कहा कि वह मूर्ति बिरसा मुंडी की नहीं, बल्कि एक स्वदेशी शिकारी की है।
सीएम ने दावा किया कि राज्य में अगली बार भी उनकी अपनी सरकार होगी। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले कई राजनीतिक दल आएंगे। रुपये का भुगतान करेंगे। वह पैसा आपका पैसा है। पैसे ले लो लेकिन वोट मत दो। चुनाव से पहले हिंसा की स्थिति पैदा करने की कोशिश होगी। जनता को सावधान रहना होगा।” (एजेंसी, हि.स.)
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