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    फिर बाहर निकला ‘जाति का जिन्न’, बिहार के 25 फीसदी ब्राह्मण भूमिहार गरीब, जानिए… अन्य जातियों का क्या हाल है?

  • November 07, 2023

     

    पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बीच बिहार विधानसभा में जातीय जनगणना के साथ आर्थिक और शैक्षणिक सर्वे रिपोर्ट पेश

    नई दिल्ली। मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव [assembly elections] के ऐनवक्त पर बिहार की नीतिश सरकार ने आज विधानसभा में जातीय जनगणना [Census] के साथ आर्थिक और शैक्षणिक सर्वे [survey] रिपोर्ट पेश कर दी है। इस रिपोर्ट में बिहार में अमीर-गरीब का आंकड़ा भी सामने आया है। अगले साल लोकसभा चुनाव हैं और देश में जातिगत जनगणना कराए जाने को लेकर राजनीतिक पार्टियों में न सिर्फ तलवारें खिंची हैं, बल्कि जाति के नाम पर वोट [vote] बटोरने की भी होड़ लगी है। बहरहाल, विपक्षी गंठबंधन इंडिया [India] के सहयोगी और बिहार के मुख्यमंत्री [Chief Minister] नितिश कुमार ने अपने राज्य बिहार में जातिगत जनगणना सर्वे रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करके ‘जाति का जिन्न’ एक बार फिर बाहर निकाल दिया है। अब बिहार ही नहीं देशभर में आरक्षण [Reservation] व्यवस्था को लेकर भी बदलाव की मांग तेज हो सकती है।

    -बिहार में सभी जातियां गरीब
    बिहार में हुए जातीय सर्वे में यह सामने आया कि राज्य में गरीबी सभी जातियों में है। सवर्णों में 25.9 प्रतिशत परिवार गरीब हैं, उनमें भूमिहार और ब्राह्मण की तादाद ज्यादा है। 25.3 फीसदी ब्राह्मण और 25.32 फीसदी भूमिहार आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन जी रही है। बिहार के 24.89 फीसदी राजपूत और 13.83 प्रतिशत कायस्थ परिवार गरीब है।

    -ओबीसी कैटेगरी के 33.16 फीसदी परिवार गरीब

    ओबीसी कैटिगरी के 33.16 प्रतिशत परिवार गरीब है। जातीय जनगणना के मुताबिक, बिहार में ओबीसी की आबादी 27 प्रतिशत है। अति पिछड़ा वर्ग यानी ईबीसी के 33.58 परिवार गरीब हैं। अति पिछड़ा वर्ग ऐसी कैटिगरी है, जिनके पास खेती योग्य जमीन नहीं है। अनुसूचित जातियों में 42.70 प्रतिशत परिवार गरीब है। अन्य जातियों में 23.72 प्रतिशत परिवार गरीबी रेखा के नीचे हैं।

    -शैक्षणिक सर्वे रिपोर्ट की बड़ी बातें
    बिहार में कास्ट सर्वे के बाद शैक्षणिक सर्वे रिपोर्ट भी सरकार ने विधानसभा में पेश कर दी। इसमें 22.67 फीसदी आबादी ने कक्षा 1 से 5 तक की शिक्षा हासिल की है। 14.33 फीसदी आबादी ने कक्षा 6 से 8 तक की शिक्षा हासिल की। 14.71 फीसदी आबादी कक्षा 9 से 10 तक की पढ़ाई की है। 9.19 फीसदी आबादी कक्षा 11 से 12 तक पढ़ाई की है। ग्रेजुएशन सिर्फ 7 फीसदी आबादी ने की है।

    -हंगामे के बीच पेश की गई रिपोर्ट
    नीतीश सरकरा ने जातीय आर्थिक सर्वे रिपोर्ट विधानसभा में पेश की है। इसमें जातियों की आर्थिक स्थिति के बारे में पूरी जानकारी दी गई है। बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है। पहले से तय माना जा रहा था कि नीतीश कुमार सरकार ने जातीय आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पेश करेगी। मंगलवार को सदन की कार्यवाही 11 बजे शुरू होते ही हंगामा होने लगा। सदन की कार्यवाही स्थगित की गई । फिर हंगामे के बीच सरकार ने जातीय जनगणना के बाद आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट स्थिति की जानकारी दी है।

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    हमारी कॉलोनी अवैध,तो फिर हमारा वोट वैध कैसे हो गया?,अब आश्वासन नहीं परिणाम चाहिए | Our colony is illegal, then how did our vote become legal? Now we need results, not assurances.

    Tue Nov 7 , 2023
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