लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में करीब तीन दशक से राजनीतिक वनवास (political exile) झेल रही कांग्रेस (Congress) ने आखिरकार वो कदम उठा ही लिया जो सभी राजनीतिक दलों को बैकफुट पर ला देगा. मंडल-कमंडल की राजनीतिक दांवपेंच मे उलझकर प्रदेश की सत्ता से बाहर हो चुकी कांग्रेस को एक बार फिर लड़ाई में एंट्री दिलाने के लिए प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने सीधे आधी आबादी की तरफ रुख कर लिया है। चालीस फीसदी टिकट महिलाओं को देने की घोषणा कर प्रियंका गांधी ने नेता के तौर पर खुद को सेंटर में ला दिया है. अब सबकी नजर विपक्षियों की तरफ है।
बसपा की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने तुरंत ट्वीट कर प्रियंका गांधी की घोषणा को चुनावी नाटकबाजी करार दिया। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने एक तरफ कांग्रेस अध्यक्ष रह चुकीं अपनी सांसद को बयान के लिए उतारा तो वहीं दूसरी तरफ राज्यपाल रह चुकीं बेबी रानी मौर्य से बयान दिलवाकर मैदान में महिला नेताओं की उपस्थिति दर्ज कराई. लेकिन क्या प्रियंका के इस घोषणा से सबसे अधिक पशोपेश में समाजवादी पार्टी है? क्या प्रियंका के इस काट के लिए डिंपल यादव को मैदान में उतरना पड़ेगा? अभी तक आधी आबादी के मुद्दे पर डिंपल यादव मुखर नहीं हुई हैं. तो क्या ये चुनाव इन्हीं महिला नेताओं के ईर्द-गिर्द घूमेगा? प्रियंका के इस दांव को समझने के लिए यूपी के डेढ़ दशक के विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालना होगा।
2012 का विधानसभा चुनाव
चुनाव आयोग के मुताबिक इस विधानसभा चुनाव में कुल वैध मतदाताओं की संख्या 12 करोड़ 74 लाख 92 हजार 836 थी. चुनाव में इनमें से पुरुषों के 58.68 फीसदी वोट (41225412 वोट) और महिलाओं के 60.28 फीसदी वोट (34500316 वोट) पड़े. यानी महिलाओं की भागीदारी का प्रतिशत पुरुषों से आगे रहा।
2017 का विधानसभा चुनाव
चुनाव आयोग के मुताबिक इस चुनाव में कुल वैध मतदाताओं की संख्या 14 करोड़ 16 लाख 63 हजार 646 थी. पुरुषों के 59.14 फीसदी वोट (45570067 वोट) पड़े और महिलाओं के 63.30 फीसदी वोट (40906123 वोट) पड़े. यानी महिला वोटर फिर आगे रहीं. जबकि 2007 के विधानसभा चुनाव मे महिला वोटर पुरुषों से पीछे थीं।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक 2007 के विधानसभा चुनावों में कुल वैध मतदाताओं की संख्या 11 करोड़ 35 लाख 49 हजार 350 थी. वोटिंग के दौरान इनमें से पुरुषों के 49.35 फीसदी वोट (30392935 वोट) और महिलाओं के 41.91 फीसदी वोट (21784164 वोट) पड़े थे. यानी की महिलाएं राजनीतिक रुप से जागरुक हो रही हैं, जिसको देखते हुए कांग्रेस ने प्रियंका पालिटिक्स शुरु की है जिसके जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, और पूर्व सांसद डिंपल यादव के साथ बीजेपी को भी महिला चेहरा उतारना पड़ेगा।
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