डेस्क। असम कैबिनेट ने राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सीटों के लिए गैर-क्रीमी लेयर से संबंधित अन्य पिछड़ी जातियों (OBC) और अन्य पिछड़ी जातियों (MOBC) के छह समुदायों के लिए आरक्षण बढ़ाने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में हुई बैठक में असम के मेडिकल कॉलेजों और डेंटल कॉलेजों (MBBS/BDS पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष में प्रवेश का विनियमन) नियम, 2017 में संशोधन करने का निर्णय लिया गया है ताकि राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सीटें बढ़ाई जा सकें, जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका ने गुरुवार रात बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग में यह बात कही।
वर्तमान और पूर्व चाय बगान कर्मियों और जनजातियों को मिलेगा लाभ
कैबिनेट फैसले के अनुसार, राज्य के मेडिकल कॉलेजों में आरक्षण चाय बगान/ पूर्व चाय बगान समुदायों/ जनजातियों के बच्चों के लिए सीटों की संख्या मौजूदा 27 से बढ़ाकर 30, कोच राजबंशी के लिए 10 से 13, ताई अहोम के लिए 7 से 10, चुटिया के लिए 6 से 9 जबकि मोरन और मटक के लिए, यह मौजूदा पांच से आठ फीसदी तक बढ़ जाएगा।
ईडब्ल्यूएस कोटा भी लागू
इसके अलावा कैबिनेट ने गुवाहाटी, डिब्रूगढ़, सिलचर, जोरहाट, तेजपुर और बारपेटा के छह मेडिकल कॉलेजों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के लिए एमबीबीएस की 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का भी फैसला किया है। वहीं, मंत्रिपरिषद ने अखिल भारतीय कोटा, केंद्रीय पूल, उत्तर पूर्वी परिषद (NEC), रॉयल गवर्नमेंट ऑफ भूटान कोटा के 15 प्रतिशत की कटौती के बाद एनआरआई/ एनआरआई-प्रायोजित नीट-यूजी पास छात्रों के लिए शेष सीटों में से 10 प्रतिशत आरक्षित करने का भी निर्णय लिया।
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