गुवाहाटी । राज्य में बाढ़ के हालात में अभी तक सुधार नहीं हुए हैं। वर्तमान में बाढ़ से अभी भी 26 जिले प्रभावित हैं। धीरे-धीरे बाढ़ का प्रभाव कम होने लगा है। उल्लेखनीय है कि राज्य में 22 मई से बाढ़ के हालात जो बने, वह एक बार फिर से गंभीर हो गए है। हालांकि, बीच-बीच में स्थिति काफी सामान्य हुई थी लेकिन, अचानक फिर से बरसात तेज हो गई, जिसके चलते बाढ़ के हालात बेकाबू हो गए हैं।
केंद्रीय जल आयोग की ओर जारी आंकड़ों के अनुसार निमाटीघाट (जोरहाट), तेजपुर (शोणितपुर); ग्वालपारा और धुबरी में ब्रह्मपुत्र; नुमालीगढ़ (गोलाघाट) में धनसिरी; एनटी रोड क्रॉसिंग (शोणितपुर) में जिया भराली; धरमतुल (नगांव) में कपिली; रोड ब्रिज (बरपेटा) में बेकी; करीमगंज में कुसियारा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
असम राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार असम के धेमाजी, लखीमपुर, बिश्वनाथ, शोणितपुर, दरंग, बाक्सा, नलबाड़ी, बरपेटा, चिरांग, बंगाईगांव, कोकराझार, धुबरी, , दक्षिण सालमारा, ग्वालपारा, कामरूप, कामरूप (मेट्रो), मोरीगांव, नगांव, गोलाघाट, जोरहाट, माजुली, शिवसागर, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया, कार्बी आंग्लांग, कछार आदि जिला के 79 राजस्व सर्किल के 2678 गांवों के 27,63,719 लोग प्रभावित हुए हैं।
26 जिलों के 1,16,404.01 हेक्टयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई है। बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए 649 राहत शिविर बनाए गए हैं। राहत शिविरों में कुल 47,465 व्यक्ति रह रहे हैं। बाढ़ में शनिवार को 03 व्यक्तियों की मौत हो गई। राज्य में गत 22 मई से आरंभ बाढ़ में अब तक कुल 80 लोगों की मौत हुई है। बाढ़ के चलते 11,06,777 बड़े जानवर, 6,23,395 छोटे जानवर तथा 10,84,005 पोल्ट्री बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ, सर्किल अधिकारी, स्थानीय नागरिक, आईडब्ल्यूटी की टीमों को तैनात किया गया है। शनिवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों में 181 नावों को राहत पहुंचाने के लिए तैनात किया गया था। बाढ़ में फंसे 511 लोगों को बाहर निकलाकर सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया है। बाढ़ प्रभावितों के बीच सरकार की ओर से 6348.46 क्वींटल चावल, 1255.59 क्वींटल दाल, 361.04 क्वींटल नमक, 9200.86 लीटर सरसों का तेल के अलावा अन्य सामग्रियों का वितरण किया गया है। बाढ़ के चलते कई सड़कें, बांस व आरसीसी के कई पुलों को भी नुकसान पहुंचा है।
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