गंगटोक। असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है और राज्य के विभिन्न हिस्सों में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। केंद्रीय जल आयोग (CWC) की रविवार सुबह की रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रह्मपुत्र जोरहाट जिले के नेमातीघाट में लाल निशान के ऊपर बह रही है।
कामपुर (नागांव) में कोपिली और कामरूप जिले में पुथिमारी नदी भी खतरे के निशान को पार कर चुके हैं। सीडब्ल्यूसी की बुलेटिन में कहा गया है कि विभिन्न स्थानों पर ब्रह्मपुत्र सहित कई अन्य नदियां भी चेतावनी स्तर से ऊपर बह रही हैं। पिछले कुछ दिनों से राज्य भर में हो रही लगातार बारिश के कारण बाढ़ की पहली लहर लोगों को प्रभावित कर रही है।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार तक राज्य के 10 जिलों में 37,535 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। गुवाहाटी में भूस्खलन में एक व्यक्ति की मौत हो गई है। हालांकि, बाढ़ की वजह से ने अब तक किसी के जीवन हानि का मामला सामने नहीं आया है।
उत्तरी सिक्किम के जिला कलेक्टर (DC) हेम कुमार छेत्री (Hem Kumar Chettri) ने रविवार को कहा कि मौसम संबंधी उतार-चढ़ाव और भूस्खलन के कारण व्यापक रूप से क्षतिग्रस्त हुई सड़कों के जीर्णोद्धार कार्य के मद्देनजर पर्यटकों को इस सुरम्य जिले में आने के लिए कोई नया परमिट जारी नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी 2,464 फंसे पर्यटकों को बचा लिया गया है।
उन्होंने कहा कि तीन दिन से हो रही मूसलाधार बारिश के बाद फंसे सभी 2,464 पर्यटकों को निकालने का काम शनिवार शाम पूरा हो गया। उत्तरी सिक्किम डीसी ने कहा कि सभी पर्यटक और नामची कॉलेज के 60 छात्र अधिकारियों द्वारा व्यवस्था किए गए वाहनों से अपने-अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गए।
उन्होंने पर्यटकों को सफलतापूर्वक निकालने के लिए बीआरओ, जीआरईएफ, आईटीबीपी, सेना और जिला अधिकारियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मंगन चुंगथांग के बीच चल रही सड़कों की मरम्मत के कारण हमने कुछ समय के लिए उत्तरी सिक्किम जाने के लिए पर्यटकों को नए परमिट जारी नहीं करने का फैसला किया है। छेत्री ने कहा, हमारी तत्काल प्राथमिकता भूस्खलन और भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुई सड़कों को बहाल करना है और एक बार सड़क संपर्क बहाल हो जाने के बाद हम पर्यटकों को आने देंगे।
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