गुवाहाटी। मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा है कि असम बीते 04 वर्षों में अपने मछली उत्पादन में चार फ़ीसदी की बढ़ोतरी करने के बाद अब मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर हो चुका है। असम में 2019-20 वित्तीय वर्ष में 3.35 लाख मैट्रिक टन मछली का उत्पादन हुआ है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन वन और दो के दौरान राज्य का फिश फीड 180 करोड़ रुपए की मछली बेच चुका है। ये बातें मुख्यमंत्री सोनोनोल ने राजधानी दिसपुर जनता भवन स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय सभाकक्ष में 12 नवनियुक्त फिशरी डेवलपमेंट ऑफिसरों को नियुक्ति पत्र प्रदान करने के अवसर पर कही।
मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त पदाधिकारियों से कहा कि वे अपनी शैक्षणिक योग्यता का पूरा का पूरा इस्तेमाल राज्य में मछली उत्पादन को और अधिक बढ़ाने के लिए करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि असम में व्यापक जल संसाधन हैं। इसका उपयोग करते हुए राज्य प्रथम मछली उत्पादन में अग्रणी भूमिका का निर्वाह कर सकता है। जल संपदा का दोहन करते हुए मछली उत्पादन के जरिए आसियान तथा विवियन देशों में मछली का व्यापक पैमाने पर निर्यात किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि असम में मछली का इतना अधिक उत्पादन हो सकता है जिससे कि पूरे देश को मछली की आपूर्ति हो सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की वजह से अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार ने जो 20 लाख करोड़ रुपए का आर्थिक पैकेज घोषित किया उसमें से 20000 करोड रुपए असम के मछली उत्पादन के लिए आवंटित किया जा चुका है। इसके लिए और और 1000 करोड़ रुपए आवंटित करने के लिए केंद्र के पास प्रस्ताव भेजा जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 300000 का लघु एवं मध्यम उद्योग यानी एमएसएमई सेक्टर के लिए जो दिए गए हैं उनमें से असम के 28000 लघु एवं मझोले उद्योग लाभ प्राप्त कर चुके हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाएं एवं असम में मौजूद साधन एवं संसाधन पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला।
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