गुवाहाटी। उग्रवाद मुक्त असम बनाने तथा राज्य में स्थाई शांति स्थापित करने की दिशा में राज्य को आज एक बड़ी सफलता हासिल हुई है। मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल की उपस्थिति में राजधानी के पंजाबारी स्थित श्रीमंत शंकरदेव अंतर्राष्ट्रीय प्रेक्षागृह में मंगलवार की शाम को कार्बी आंग्लांग जिला के पांच उग्रवादी संगठनों के 1040 सदस्यों ने अपने हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौट आए।
हिंसा का रास्ता छोड़ शांति के रास्ते पर आगे बढ़ने वाले उग्रवादी सदस्यों का स्वाभाविक जीवन में आने पर मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनवाल ने स्वागत करते हुए कहा कि हिंसा का रास्ता छोड़ भारतीय संविधान के प्रति आस्था प्रकट करते हुए शांति के रास्ते पर लौटने वाले कार्बी भाई और बहन आज से हमारे बड़े परिवार का एक सदस्य हो गए हैं। उन्होंने कहा कि आज से हम सभी को शांतिप्रिय गणतांत्रिक एक परिवार रूप में मिलकर सबको काम करना होगा। उन्होंने कहा कि कार्बी आंग्लांग जिला राज्य में प्राकृतिक सौंदर्य के रूप में अतुलनीय है। साथ ही कहा कि जिला की कला और कृष्टि, कार्बी आंग्लांग की संपत और संभावनाओं का प्रयोग कर आत्मनिर्भर कार्बी पहाड़ तथा आत्मनिर्भर असम को बनाने में आज मुख्यधारा में शामिल हुए युवक-युवतियों को अपनी भूमिका निभानी होगी।
उन्होंने कहा कि कार्बी आंग्लांग के प्रत्येक क्षेत्र को आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कार्बी पहाड़ के युवा देश के योग्य संतान हैं। उन्होंने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि देश के स्वार्थ के लिए समर्पित मनोभाव से काम कर कार्बी आंग्लांग जिला को विश्व में एक उच्च स्तर पर पहुंचाने के लिए सबका सहयोग जरूरी है।
इस मौके पर कार्बी आंग्लांग स्वायत्तशासी परिषद् के मुख्य कार्यकारी सदस्य तुलीराम रांग्हांग ने कहा कि कार्बी आंग्लांग में शांति की स्थापना होने से असम में शांति स्थापित होगी। मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि कार्बी आंग्लांग उग्रवाद से पूरी तरह निजात पा गया है जबकि बोडोलैंड भी इसी तरह से उग्रवाद मुक्त हुआ है। इसके लिए मैं मुख्यमंत्री का दिल से आभार व्यक्त करता हूं।
कार्यक्रम में राज्य के मुख्य सचिव जिष्णु बरुवा ने कहा कि आज इस कार्यक्रम के जरिए कार्बी आंग्लांग में स्थायी शांति सुनिश्चित होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। उन्होंने कहा कि सेना, केंद्रीय अर्धसैनिक बल और असम पुलिस के सम्मिलित प्रयासों से यह आज का दिन सामने आया है। जिसके चलते हथियार उठाने वाले आज सामान्य जीवन में लौट कर एक नए जीवन को शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यधारा में लौटने वाले उग्रपंथी सदस्यों के पुनर संस्थापन के लिए सरकार तथा प्रशासन सभी आवश्यक कदम उठाएगी।
इस मौके पर असम पुलिस के महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत ने कहा कि उग्रवादियों के मुख्यधारा में लौट आने के लिए असम पुलिस की विशेष शाखा के साथ ही सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियां तथा केंद्रीय खुफिया इकाइयों के द्वारा चलाए गए लगातार प्रयासों से यह संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि कार्बी समाज ने पिछले कई दशकों से हिंसा का जो इतिहास देखा आज उस भयंकर अध्याय का समापन हो गया। आज से कार्बी पहाड़ शांति की दिशा में आगे बढ़ेगा। हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटने वाले युवाओं को उन्होंने फिर से इस रास्ते पर नहीं जाने का आह्वान किया।
असम पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक विशेष शाखा हिरेन नाथ ने कार्यक्रम में स्वागत भाषण दिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार हृषिकेश गोस्वामी, डिफू विधानसभा क्षेत्र के सांसद हरेन सिंह बे, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव पवन कुमार बरठाकुर, गृह और राजनीतिक विभाग के प्रधान सचिव नीरज वर्मा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) जीपी सिंह, सेना की 21वीं माउंटेन डिवीजन के जीओसी एसपी सिंह, एसआईबी के संयुक्त निदेशक रश्मि सिन्हा के साथ ही भारतीय सेना, एसएसबी, असम पुलिस और अन्य केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के उच्च पदस्थ अधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम में असम साहित्य सभा के पूर्व अध्यक्ष व विशिष्ट साहित्यिक रंग्बंग तेरांग के साथ ही कार्बी जिला के कई गणमान्य व विशिष्ट व्यक्ति मौजूद थे। एजेंसी
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