इंदौर (Indore)। कल इंदौर में बैठक कर संभाग के तीन जिलों के बारे में राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री ने चुनावी और संगठन का फीडबैक लिया। उन्होंने प्रभारी मंत्री और संगठन के प्रभारियों से पूछा कि आदिवासी क्षेत्रों में पार्टी का उम्मीदवार कैसे जीतेगा? यही नहीं जो विस्तारक इन क्षेत्रों में भेजे गए हैं, उनसे भी पूछा कि उन्होंने अभी तक क्या किया और उन्हें पार्टी का काम करने में किसी तरह की कोई परेशानी तो नहीं आ रही है?
शनिवार रात को ही शिवप्रकाश इंदौर पहुंच गए थे। वे रात दीनदयाल भवन में ही रूके और उसके बाद रविवार दोपहर 12 बजे से बैठकें लेना शुरू की। इस बैठक में इंदौर के किसी भी नेता को नहीं बुलाया गया था। झाबुआ, आलीराजपुर और बड़वानी जिले के प्रभारी मंत्रियों, संगठन प्रभारियों और विस्तारकों को भी बुलाया गया था। पहले सभी के साथ शिवप्रकाश ने संगठन के कामकाज को लेकर चर्चा की और उनसे फीडबैक लिया। उन्होंने कल से शुरू होने वाले महाजनसंपर्क अभियान को लेकर भी पूछताछ की। बैठक में संगठन प्रभारी हरिनारायण यादव, जयदीपसिंह और नंदकिशोर पाटीदार के साथ संभाग प्रभारी राघवेन्द्र गौतम भी मौजूद थे। उन्होंने जिला प्रभारियों से उनके जिले की विधानसभा सीटों की जानकारी ली। झाबुआ, आलीरापुर और बड़वानी जिले की अधिकांश सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है।
आदिवासी बहुल इन सीटों पर पिछले चुनाव में भाजपा को काफी नुकसान हुआ था और उपचुनाव में झाबुआ की सीट कांग्रेस के हाथों में चली गई थी। बैठक में आलीराजपुर के प्रभारी मंत्री राजवर्धनसिंह दत्तीगांव, झाबुआ के इंदरसिंह परमार और बड़वानी के हरदीपसिंह डंग से भी सीधे-सीधे पूछा गया कि उन्होंने संगठन की कितनी बैठकों में भाग लिया? अपने प्रभार वाले जिलों में जाकर किस तरह से पार्टी को मजबूत किया। सूत्रों का कहना है कि उन्होंने यह भी पूछ लिया कि यहां से किस नाम पर विचार किया जा सकता है, जिससे पार्टी को जीत मिल सके या फिर यहां से वे कैसे अपने उम्मीदवार को जिताएंगे। शाम तक चली बैठकों में संगठन की ओर से भेजे गए विस्तारकों से भी बात की गई। कुछ विस्तारकों ने गुटबाजी को लेकर भी शिकायत की है और बताया कि अगर ऐसे ही बंटे रहे तो चुनाव में मुश्किल आएगी। आदिवासी सीटों पर काम देख रहे युवा आयोग के अध्यक्ष निशांत खरे भी बैठक में थोड़ी देर के लिए पहुंचे थे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved