नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण की दूसरी (Corona Virus Second Wave) के दौरान देश के कई हिस्सों से ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी की वजह से कोरोना मरीज की मौत होने के मामले सामने आए थे. लेकिन अब केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने राज्यसभा (Rajya Sabha) में बताया है कि दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत की जानकारी राज्यों ने नहीं दी है.
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल (KC Venugopal) ने राज्यसभा में ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों को लेकर सवाल किया था. इस पर स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) की ओर से जवाब देते हुए बताया गया कि दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी (Lack Of Oxygen) के कारण किसी की मौत की जानकारी राज्यों की तरफ से नहीं दी गई है.
राज्यसभा में सरकार ने बताया कि कोरोना से होने वाली मौतों की जानकारी नियमित आधार पर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को देते हैं. लेकिन किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौत को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय को जानकारी नहीं दी है.
दूसरी लहर में ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये भी बताया कि पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में मेडिकल ऑक्सीजन (Liquid Medical Oxygen) की डिमांड काफी बढ़ गई थी. पहली लहर में जहां 3,095 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की डिमांड थी, तो वहीं दूसरी लहर में यही डिमांड 9,000 मीट्रिक टन तक पहुंच गई.
सरकार ने बताया कि दूसरी लहर में केंद्र की ओर से 28 मई तक राज्यों को 10,250 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई की गई. सबसे ज्यादा 1200-1200 मीट्रिक टन ऑक्सीजन महाराष्ट्र और कर्नाटक को दी गई. जबकि, दिल्ली को 400 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दी गई.
राहुल बोले- संवेदनशीलता की भी भारी कमी
सरकार के इस जवाब पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी ट्वीट कर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि सिर्फ ऑक्सीजन ही नहीं, बल्कि संवेदनशीलता और सत्य की भी भारी कमी थी.
विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाएगी कांग्रेस
वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी गई इस जानकारी को लेकर कांग्रेस विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने की तैयारी में है. कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि वो स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandviya) के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव (privilege motion) लाएंगे. उन्होंने कहा, “मैं हैरान हूं कि सरकार कह रही है कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई. गलत जानकारी देकर उन्होंने सदन को गुमराह किया है. हम उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाएंगे. ये निंदनीय है.”
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