नई दिल्ली (New Delhi)। विवादित चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Chandigarh Mayor Election)के अधिकारी रहे अनिल मसीह (Anil Masih)से भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party)ने दूरी बना ली है। चंडीगढ़ की भाजपा (BJP of Chandigarh)इकाई मसीह से सवाल पूछना चाहती है कि ‘ऐसा क्यों किया?’ हाल ही में मसीह ने सुप्रीम कोर्ट में माफी मांग ली है। उन्हें शीर्ष न्यायालय में कथित तौर पर झूठा बयान देने के लिए नोटिस जारी किया गया था।
बातचीत में चंडीगढ़ भाजपा के अध्यक्ष जतिंदर मल्होत्रा कहते हैं, ‘मेरी उनसे बात नहीं हो पाई…। वह आएंगे तो मैं पूछूंगा कि…क्यों किया कैसे किया…ऐसा।’ जब पूछा गया कि क्या भाजपा नहीं जानती कि मसीह ने ऐसा क्यों किया, तो इसपर उन्होंने कहा, ‘वह पार्टी में भी नहीं हैं…। एक नामित पार्षद को गवर्नर (यूटी प्रशासक) ने नियुक्त किया था, पार्ट ने नहीं, तो कृपया इसे पार्टी से मत जोड़िए।’
अखबार से चर्चा में उन्होंने कहा, ‘वह (अनिल मसीह) कभी हमारे सदस्य थे… पर आज जो उनकी स्थिति है… वो गवर्नर की तरफ से नॉमिनेटेड हैं… जैसे किसी को राष्ट्रपति नॉमिनेट करते हैं… तो उनकी अपनी एक पहचान होती है।’
इधर, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मसीह की तरफ से माफी मांगे जाने के बाद भी संतुष्ट नहीं हैं। दोनों दलों ने भाजपा से जवाब मांगा है। रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस के पवन बंसल का भाजपा से सवाल है कि ‘चंडीगढ़ मेयर चुनाव में रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने सुप्रीम कोर्ट के सामने बगैर शर्त माफी क्यों मांगी।’
आप नेता प्रेम गर्ग ने मसीह के लिए सजा की मांग की है। अखबार से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘अनिल मसीह ने गलती नहीं की, उन्होंने लोकतंत्र की हत्या की है और देश के संविधान का मजाक उड़ाया है। उन्होंने अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल किया और हमसे हमारे अधिकार छीने। मसीह ने वोट चोरी किए थे।’
उन्होंने अब तक मसीह की गिरफ्तारी नहीं होने पर भी सवाल उठाए हैं। साथ ही आप ने सवाल किया है कि मसीह को म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन से हटाया क्यों नहीं गया।
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