नई दिल्ली: एशियन गेम्स 2023 में भारत ने इतिहास रचा है. तीसरे दिन भारतीय तिरंगा चीन की सरजमीं पर शान से लहराया है. और इसकी वजह बना है, वो खेल जिसमें भारत ने 41 साल बाद गोल्ड मेडल हासिल किया है. भारत ने 1982 के बाद पहली बार घुड़सवारी में स्वर्ण पदक जीता है. हांगझू एशियन गेम्स में घुड़सवारी वो इवेंट था, जिसमें भारत से गोल्ड की आस तो छोड़िए, किसी भी मेडल की उम्मीद कम ही थी. ऐसे में इस खेल के खिलाड़ियों ने उम्मीद से परे जाकर इतिहास रचा है.
भारत के लिए जिन घुड़सवारों ने मिलकर टीम इवेंट में गोल्ड मेडल जीता, उनमें सुदीप्ति हाजेला, दिव्यकीर्ति सिंह, हृ्दय छेदा और अनुश अग्रवाला के नाम हैं. इन खिलाड़ियों के सोना जिताने के कुछ देर बाद ही भारत ने इसी खेल के सिंगल इवेंट में एक सिल्वर मेडल और एक ब्रॉन्ज मेडल भी जीता.
भारत ने घुड़सवारी में गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज जीता
भारत ने 209.205 % का स्कोर करते हुए घुड़सवारी में गोल्ड मेडल जीता. ये 19वें एशियन गेम्स में भारत का तीसरा गोल्ड है. इससे पहले भारत ने एक गोल्ड शूटिंग और दूसरा महिला क्रिकेट में हासिल किया था. घुड़सवारी के टीम इवेंट में गोल्ड मेडल जीतने के बाद भारत के लिए इसी खेल के सिंगल इवेंट में अनुश अग्रवाला ने सिल्वर मेडल, जबकि हृदय छेदा ने ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया.
घुड़सवारी से पहले सेलिंग में भी जीते 2 मेडल
घुड़सवारी से पहले भारत ने सेलिंग में भी आज एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल जीता. भारत के पदकों की ये संख्या और बड़ी होती अगर वो शूटिंग और फिर जूडो में मेडल जीतने से चूकते नहीं.
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