नई दिल्ली: एक वर्दीधारी ने अपनी करतूत से पूरे रांची पुलिस विभाग (Ranchi Police Department) को शर्मसार कर दिया. वो वर्दीधारी रक्षक से भक्षक बन गया (Uniformed guard turned predator). जब उसकी करतूत का खुलासा हुआ तो खुद पुलिस का सिर भी शर्म से झुक गया. वर्दी की आड़ में उस पुलिसवाले ने ऐसे काम किया कि लोगों का गुस्सा भड़क उठा. उस पुलिसवाले ने एक 12 साल की मासूम बच्ची को लगातार अपनी हवस का शिकार बनाया. वो करीब एक साल तक उस बच्ची से रेप करता रहा. जब इस मामले का सच सामने आया तो हर कोई हैरान रह गया.
पुलिस की वर्दी को दागदार करने वाला वो दरिंदा रांची के शुकदेव नगर थाने (Shukdev Nagar Police Station) में तैनात था. वो एक एएसआई है. जो एक साल तक 12 साल की बच्ची के साथ हैवानियत करता रहा. इस संगीन इल्जाम के बाद उसके खिलाफ अब एफआईआर दर्ज हुई तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया. एएसआई की पहचान नीरज खोसला के तौर पर हुई है. उसकी गिरफ्तारी हो जाने के बाद पीड़िता के परिवार ने आला पुलिस अफसरों से सुरक्षा की मांग की है.
नाबालिग पी़डिता की मां ने आरोपी परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि आरोपी परिवार की ओर से उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं. गुरुवार को उस वक्त सारी हदें तब पार हो गईं, जब आरोपी की मां, पत्नी और उसके दो सालों ने मिलकर उसके पीड़ित बच्ची के पिता के साथ मारपीट की. और उन्हें केस वापस लेने के लिए धमकाया.
पीड़िता की मां ने आजतक/इंडिया टुडे से फोन पर बात करते हुए कहा कि उन्होंने सुरक्षा की मांग की है और महिला पुलिस थाने में भी सुरक्षा के संबंध में गुहार लगाई है. उन्होंने कहा कि उनकी 12 साल की बेटी का पिछले एक साल से यौन शोषण हो रहा है. लेकिन उन्हें इस सारी परेशानी के बारे में 10 नवंबर, 2023 को उस वक्त पता चला, जब उनकी बेटी ने उन्हें पेट में दर्द की शिकायत की थी.
इसके बाद 14 नवंबर को रांची के महिला पुलिस थाने में पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया. और पुलिस हरकत में आई. दो दिन बाद आरोपी ASI नीरज खोसला को गिरफ्तार कर लिया गया. एसएसपी चंदन सिन्हा ने आजतक/इंडिया टुडे को बताया कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा. पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है और साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा कि मामला दर्ज होने के तुरंत बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया. इस बीच पीड़िता के समर्थन में जिला विधिक सेवा प्राधिकार आगे आया है. वे पूरा सहयोग कर रहे हैं. डीएलएसए के सचिव राकेश रंजन ने कहा कि उन्होंने पीड़िता के लिए पॉक्सो मुआवजे की मांग की है. वे पीड़िता को हर संभव सहायता और कानूनी सहायता भी प्रदान कर रहे हैं.
वे इस बात पर विचार कर रहे हैं कि पीड़ित को कैसे सहारा दिया जा सकता है और कल्याणकारी योजनाओं से मदद की जा सकती है. राकेश रंजन ने कहा कि उन्होंने रांची के एसएसपी को भी पत्र लिखकर पीड़ित परिवार को मिल रही धमकियों और खतरे की जानकारी दी है. गवाह और साक्ष्य की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन का फर्ज है. एएसआई नीरज का शिकार होने वाली पीड़िता कमजोर सामाजिक आर्थिक पृष्ठभूमि से आती है. उसके पिता एक निर्माण स्थल पर काम करते हैं. वे घबराहट और डर महसूस कर रहे हैं.
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