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    US में चुनाव लड़ने वाले पहले भारतीय अमेरिकी जेन-जेड बने अश्विन रामास्वामी

  • February 20, 2024

    वाशिंगटन (Washington)। भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक (Indian-American citizen) अश्विन रामास्वामी (Ashwin Ramaswami) अमेरिकी विधायिका (US legislature) के लिए चुनाव लड़ने वाले पहले भारतीय अमेरिकी जेन-जेड (First Indian American Gen-Z) बन चुके हैं। रामास्वामी अमेरिकी राज्य जॉर्जिया की सीनेट सीट (US state Georgia Senate seat) से चुनाव लड़ रहे हैं, जिनकी उम्र महज 24 साल है। रामास्वामी को समुदाय के नए उभरते नेता के रूप में देखा जा रहा है। रामास्वामी के माता-पिता साल 1990 में तमिलनाडु से अमेरिका में आकर बस गए थे। जेन-जेड सोशल मीडिया से चर्चाओं में आया एक शब्द हैं, जिसका अर्थ है 1997 से 2012 के बीच जन्मा बालक या बालिका।


    डेमोक्रेट उम्मीदवार हैं रामास्वामी
    दूसरी पीढ़ी के रामस्वामी डेमोक्रेट उम्मीदवार है, जो जॉर्जिया के जिला 48 में राज्य सीनेट के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। रामास्वामी निवर्तमान रिपब्लिकन शॉन स्टिल की जगह लेने की उम्मीद कर रहे हैं। अगर वह चुनाव जीत जाते हैं तो वह जॉर्जिया विधानमंडल के पहले भारतीय अमेरिकी बन जाएंगे। रामास्वामी चुनाव से पहले सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, चुनाव सुरक्षा और प्रौद्योगिकी कानून और नीति अनुसंधान में अपना करियर बना चुके हैं।

    लोगों को शिक्षा सहित अन्य सुविधाएं प्राप्त हों
    रामास्वामी ने हाल ही में दिए एक साक्षात्कार में बताया कि मैं अपने समुदाय के लिए राज्य सीनेट से चुनाव लड़ रहा हूं। मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि हर किसी को वही अवसर मिले, जो मुझे मिले थे। मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि समुदाय के पास एक नई आवाज हो। युवाओं के राजनीति से जुड़ने से प्रतिनिधित्व बढ़ता है। हर किसी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच हो। हम चाहते हैं कि नौकरी के साथ-साथ लोग अन्य अधिकार भी मिल सकें। उनके माता-पिता दोनों आईटी सेक्टर से हैं।

    उपनिषद पढ़ने में रुचि है, गीता-रामायण पढ़ चुका
    मेरे माता-पिता दोनों 1990 के दशक में अमेरिका आए थे। मेरी मां चेन्नई से हैं, मेरे पिता कोयंबटूर से हैं। मैं भारतीय और अमेरिकी संस्कृति के साथ बड़ा हुआ हूं। मैं एक हिंदू हूं। मुझे अपने पूरे जीवन में भारतीय संस्कृति दर्शन में बहुत रुचि रही है। मैं जब बड़ा हुआ तो चिन्मय मिशन बालाविहार गया, यहां मैंने रामायण, महाभारत और भगवदगीता जैसे महाकाव्यों को सीखा। जब मैं कॉलेज में था तो मैंने संस्कृत सीखी। मैंने सारे प्राचीन ग्रंथ पढ़े हैं। उपनिषद पढ़ने में मेरी बहुत रुचि हो गई। मेरा पूरा जीवन योग और ध्यान में रहा। अब यह ज्ञान में नए युवाओं तक पहुंचा रहा हूं।

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