इंदौर, राजेश ज्वेल। विधानसभा-3 जहां इंदौर की सबसे छोटी सीट है वहीं जोशी परिवार का भी इस पर दबदबा रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता स्व. महेश जोशी के बेटे पिंटू को इस बार कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है। हालांकि दावा अश्विन जोशी का भी था। चर्चा यह भी चली कि अश्विन आप पार्टी ज्वाइन करेंगे या निर्दलीय भी चुनाव लड़ सकते हैं। मगर कल जोशी परिवार फिर एकजुट हो गया और सारे गिले-शिकवे आंसुओं में बह गए। परिवार की सबसे वरिष्ठ और बुजुर्ग काकी साब यानी स्व. महेश जोशी जी की पत्नी का कहा अश्विन नहीं टाल सके।
पिंटू ने भी अपने बड़े चचेरे भाई अश्विन से कान पकडक़र माफी मांगी और पैर भी छुए, तब अश्विन ने भी दुलारते हुए उन्हें गले लगा लिया। सोशल मीडिया पर भी जोशी परिवार के ये फोटो कल रात खूब वायरल भी हुए। इस बारे में जब आज सुबह अश्विन से पूछा गया तो उसने कहा कि मेरी माताजी का वर्षों पहले ही निधन हो गया था और काकी साब ने ही बच्चों की तरह हम सबको पाला-पोसा और उनका कहा टालने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। जब उन्होंने कहा तो पिंटू की सारी गलतियां मैंने माफ कर दी, जो उसने बीते दिनों में लगातार मेरे खिलाफ की। मगर अब मैं पूरी ताकत से भिड़ूंगा और दोगला नहीं हूं… अपनी जवान का पक्का हूं… और अब ये पूरे जोशी परिवार का चुनाव है, जिसे हम जीतेंगे।
उधर पिंटू का कहना है कि वो भी अपने किए पर शर्मिंदा हैं और पैर छूकर उन्होंने भी माफी मांग ली और आशीर्वाद भी लिया। इस पूरे मामले में जहां पिंटू की माताजी यानी काकीसाब की तो परिवार में अहम भूमिका रही, वहीं अश्विन और पिंटू की मित्र मंडली भी लगातार प्रयास में जुटी थी। दोनों भाइयों में सुलह हो जाए, ताकि इसका फायदा विपक्ष यानी भाजपा उम्मीदवार को नहीं मिल सके। दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने, जो कि महेश जोशी के घनिष्ठ मित्र रहे, उन्होंने पिंटू को टिकट दिलवाकर महेश भाई से किया वायदा भी निभाया। हालांकि अश्विन ने भी पूरी ताकत से दावेदारी ठोंक रखी थी और वे लगातार कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से भी मिलते रहे और फिर ये चर्चा भी चली कि वे निर्दलीय, आप या अन्य किसी पार्टी से चुनाव लड़ सकते हैं। मगर कल मार्तण्ड चौक स्थित जोशी परिवार के पुस्तैनी निवास पर सारी आशंकाएं निर्मूल साबित हुई और एक बार फिर जोशी परिवार एकजुट हो गया, जिसके चलते अब विधानसभा-3 का चुनाव भी टसल वाला हो गया है। हालांकि गोलू शुक्ला की राह भी आसान नहीं है, क्योंकि उनका कार्य क्षेत्र विधानसभा-1 रहा है और पार्टी ने उन्हें चुनाव तीन नम्बर से लड़ाया। अब पिंटू के साथ अश्विन भी कंधे से कंधा मिलाकर इस चुनावी संघर्ष में कूद पड़े हैं।
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