नई दिल्ली: भारत पे के पूर्व एमडी और शार्क टैंक इंडिया से मशहूर हुए अशनीर ग्रोवर (Ashneer Grover) ने पिछले साल जोमैटो लिस्टिंग में 8 मिनटों में अंदर 2.25 करोड़ रुपये कमाए. अपनी किताब दोगलापन में उन्होंने बताया कि जोमेटो आईपीओ (zomato ipo) के लिए उनकी 100 करोड़ रुपये की ऐप्लीकेशन (Application) ने सभी लोगों को हैरान कर दिया कि उन्होंने इतनी बड़ी राशि का इंतजाम कैसे किया.
पैंगविन के द्वारा पब्लिश हुई किताब में ग्रोवर ने कहा कि हालांकि, उन्होंने आईपीओ फाइनेंसिंग (IPO financing) का फायदा उठाकर ऐसा किया है. किताब के मुताबिक, ग्रोवर ने बताया कि उन्होंने पांच करोड़ रुपये अपनी जेब से लगाए थे. जबकि, कोटक वेल्थ की मदद से उन्हें 95 करोड़ रुपये के लिए फाइनेंसिंग मिली, जो हफ्ते के लिए सालाना 10 फीसदी ब्याज दर के साथ थी. शेयरों को खरीदने के लिए ब्याज के तौर पर ये 20 लाख रुपये थे.
अपनी किताब में उन्होंने बताया कि आईपीओ तीन गुना से ज्यादा ओवर सब्सक्राइब हुआ. इससे उन्हें तीन करोड़ रुपये से ज्यादा के शेयर मिले. फिर, 23 जुलाई 2021 को, शेयर एक्सचेंज पर 76 रुपये प्रति शेयर के इश्यू प्राइस के मुकाबले 115 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर डेब्यू किया. तो, उन्होंने अपने वेल्थ मैनेजर्स को सभी शेयरों को बेचने का निर्देश किया. उन्होंने बताया कि उन्हें 136 रुपये का सेलिंग प्राइस मिला. क्योंकि इंट्रस्ट के बाद लैंडिंग कॉस्ट 82 से 85 रुपये प्रति शेयर थी, तो उन्होंने 2.25 करोड़ रुपये कमा लिए.
आईआईएम अहमदाबाद और आईआईटी दिल्ली से पढ़ाई कर चुके ग्रोवर ने समझाया कि उन्हें जोमैटो के आईपीओ पर भरोसा क्यों था. उन्होंने बताया कि वे दिपेंदर को जानते थे. और उन्हें पूरी तरह विश्वास था कि वे कुछ बड़ा करते रहेंगे. इसके अलावा उन्होंने कहा कि महामारी के आने के बाद, उनके ऑर्डर के साइज में बढ़ोतरी हुई, क्योंकि लोग अब परिवार के तीन से चार सदस्यों के लिए घर बैठे खाना मंगा रहे थे, जो पहले ऑफिस में सिंगल रॉल मंगा लेते थे. इससे जोमैटो का मार्जिन में इजाफा हुआ.
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