डेस्क। हिंदू धर्म में हर मास का महत्व अलग होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ चौथा महीना होता है। इस महीने में देवशयनी एकादशी के बाद चौमासा या चतुर्मास शुरू होता है। इसका मतलब है कि अगले 4 महीने तक कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
मान्यता है कि अगले चार महीने के लिए देवी-देवता शयन में चले जाते हैं। इस दौरान शादी, मुंडन आदि शुभ कार्य नहीं होते हैं। खासकर आषाढ़ महीने में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। इस महीने में जगन्नाथ मंदिर में रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है। आषाढ़ महीना 25 जून से शुरू हो रहा है। आइए जानते हैं इस महीने में पड़ने वाले व्रत और त्योहार की लिस्ट के बारे में।
27 जून- संकष्टी चतुर्थी- इस दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती है। संकष्टी चतुर्थी के दिन विधि- विधाने से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
2 जुलाई- शीतलाष्टमी- शीतलाष्टमी का त्योहार मुख्य रूप से राजस्थान में मनाया जाता है। इस दिन शीतला माता की पूजा -अर्चना होती है। शीतलाष्टमी के त्योहार को बसोड़ कहा जाता है।
5 जुलाई, योगिनी एकादशी- योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है।
7 जुलाई, प्रदोष व्रत- प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत और पूजा करने से घर में सुख- समृद्धि बनी रहती है। ये व्रत मुख्य रूप से संतान प्राप्ति के लिए किया जाता है।
8 जुलाई, मासिक शिवरात्रि- मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विधि- विधान से पूजा -अर्चना करनी चाहिए। शिव भक्तों के लिए ये दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है।
9 जुलाई, हलहारिणी अमावस्या- हलहारिण अमावस्या के दिन स्नान और दान-पुण्य करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन श्राद्ध और पितरों का तर्पण करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
11 जुलाई, गुप्त नवरात्रि- 11 जुलाई से गुप्त नवरात्रि शुरू हो रही है। इस दिन से अगले नौ दिन तक माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाती है। गुप्त नवरात्रि 11 जुलाई से 18 जुलाई तक मनाया जाएगा।
12 जुलाई, जगन्नाथ मंदिर- जगन्नाथ मंदिर में भगवान विष्णु की रथ यात्रा का आयोजन 12 जुलाई से हो रहा है। भगवान विष्णु के भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन होता है।
13 जुलाई, विनायक चतुर्थी व्रत- विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ती है।
20 जुलाई, ईद-उल-अजहा या बकरीद- ये दिन मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। बकरीद मुस्लमानों के प्रमुख त्योहारों में से एक है।
22 जुलाई, देवशयनी एकादशी, चतुर्मास या चौमासा प्रारंभ- देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन के बाद से अगले चार महीने तक कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
24 जुलाई, आषाढ़ पूर्णिमा – पूर्णिमा के दिन स्नान और दान करने का विशेष महत्व होता है। पूर्णिमा के दिन लोग पवित्र नदी में स्नान करते हैं। हालांकि कोरोना की वजह से आप पवित्र नदी में स्नान नहीं कर सकते हैं तो नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाएं। मान्यता है कि पवित्र नदी में स्नान करने से सभी पापों का नाश हो जाता है।
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