उज्जैन (Ujjain)। हिंदू कैलेंडर के अनुसार हिंदू धर्म में आषाढ़ मास (Ashadh Month) का विशेष महत्व है। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक ये साल का चौथा माह है,जो ज्येष्ठ माह (senior month) समाप्त होने के साथ शुरू होता है। इस माह को मानसून के आगमन का संकेत माना जाता है। इसके साथ ही इसी माह देवशयनी एकादशी पड़ती है जिसके साथ ही चातुर्मास भी आरंभ हो जाते हैं। इस दौरान भगवान विष्णु क्षीर सागर में योग निद्रा में चले जाते हैं और सृष्टि के संचार का काम भगवान शिव को सौंप जाते हैं।
आषाढ़ माह को काफी खास माना जाता है,क्योंकि इस माह कई बड़े-बड़े व्रत त्योहार पड़ते हैं। आषाढ़ माह में जगन्नाथ यात्रा सेलेकर , देवशयनी एकादशी, योगिनी एकादशी से लेकर गुरु पूर्णिमा पड़ती है। आइए जानते हैं आषाढ़ मास में पड़ने वाले व्रत त्योहारों के बारे में से लेकर इसका महत्व।
कब से कब तक आषाढ़ माह 2024?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, आषाढ़ माह का आरंभ ज्येष्ठ पूर्णिमा के बाद आरंभ हो जाता है। बता दें कि 22 जून को सुबह 6 बजकर 37 मिनट तक पूर्णिमा तिथि थी। इसके बाद आषाढ़ मास की प्रतिपदा तिथि आरंभ हो गई थी। लेकिन 22 को पूर्णिमा तिथि ही मनाई जा रही है। इसलिए इस साल 23 जून से आषाढ़ माह आरंभ हो रहा है, जो 21 जुलाई 2024 को समाप्त होगा।
आषाढ़ माह 2024 में पड़ने वाले व्रत त्योहार
23 जून 2024, रविवार- आषाढ़ मास आरंभ
25 जून 2024 मंगलवार संकष्टी चतुर्थी
28 जून 2024, शुक्रवार- कालाष्टमी
02 जुलाई 2024 , मंगलवार- योगिनी एकादशी<br>03 जुलाई 2024,बुधवार- प्रदोष व्रत (कृष्ण)
04 जुलाई 2024, गुरुवार- मासिक शिवरात्रि<br>05 जुलाई 2024 , शुक्रवार- आषाढ़ अमावस्या
6 जुलाई 2024, शनिवार- गुप्त नवरात्रि आरंभ
07 जुलाई 2024 , रविवार जगन्नाथ रथ यात्रा
9 जुलाई 2024, मंगलवार-विनायक चतुर्थी
11 जुलाई 2024, गुरुवार- स्कंद षष्ठी
14 जुलाई 2024, रविवार- मासिक दुर्गाष्टमी
16 जुलाई 2024 , मंगलवार- कर्क संक्रांति
17 जुलाई 2024 , बुधवार- देवशयनी एकादशी, आषाढ़ी एकादशी
18 जुलाई 2024,गुरुवार- प्रदोष व्रत (शुक्ल), वासुदेव द्वादशी
19 जुलाई 2024, शुक्रवार- जया पार्वती आरंभ
21 जुलाई 2024 , रविवार- गुरु-पूर्णिमा, आषाढ़ पूर्णिमा व्रत, गौरी व्रत समाप्त, आषाढ़ पूर्णिमा.
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