फतेहाबाद | कोरोना महामारी के दौर में पूरे देश और हरियाणा प्रदेश में आशा वर्कर अगली पंक्ति में रहकर अहम भूमिका निभा रही है लेकिन बड़े दुख की बात है कि केंद्र व राज्य सरकार इनकी जायज मांगों का समाधान करने की बजाय शोषण को और बढ़ाने का काम कर रही है। यह बात आशा वर्कर्स यूनियन की जिला प्रधान शीला शक्करपुरा ने आज सिविल सर्जन कार्यालय पर हड़ताल के चौथे दिन आशा वर्कर्स के धरने को संबोधित करते हुए कही।
धरने का संचालन सुनीता लहरियां, अनिता इंदाछोई ने किया। धरने को सीटू के जिला सचिव ओमप्रकाश, अनिता बड़ोपल, आशा, पूनम फतेहाबाद, रिन्कू मामूपुर, रेनू म्योंद कलां, रमन जमालपुर, कांता पिरथला, शर्मिला भोडिय़ाखेड़ा आदि ने भी संबोधित किया।
धरने को संबोधित करते हुए शीला शकरपुरा ने कहा आशा वर्कर्स यूनियन संबंधित सीआईटी यू हरियाणा के आह्वान पर 21 जुलाई 2018 को मुख्यमंत्री के साथ मांगों बारे बनी सहमति का नोटिफिकेशन लागू, जनता को गुणवत्ता स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने हेतु सरकारी ढांचे को मजबूत करने, कोरोना में काम कर रही आशाओं को भत्ते के तौर पर 4000 रुपए जोखिम भत्ता देने और आठ एक्टिविटी का 50 प्रतिशत लागू करने की मांग को लेकर जिलेभर की आशा वर्कर्स पिछले 4 दिनों से हड़ताल पर है।
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