भोपाल। अपने मांगों को लेकर प्रदेश भर में आशा कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं (ASHA Workers And Helpers) आंदोलन कर रही हैं। राजधानी भोपाल (Capital Bhopal) में पुलिस (Police) द्वारा आंदोलन कर रही आशाआं े को जबरन खदेड़ दिया। इसके बाद आशाओं ने जिलों में जाकर आंदोलन श्ुारू कर दिए हैं। अपनी मांगें मनमाने के लिए आशाएं अलग-अलग आंदोलन कर रहीं है। कुछ आत्महत्या जैसे कदम उठाने पर भी उतारू हो गई हैं।
भिंड जिले में नियमितीकरण (Regularization) की मांग को आशा, ऊषा और सहयोगिनी कार्यकर्ताओं ने एक पेड़ पर चढ़कर गईं और कहा कि जब तक परमानेंट (Permanent) होने का आदेश नहीं आ जाता, तब तक वे पेड़ से नहीं उतरेगी। महिलाओं ने धमकी दी कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो वे पेड़ से कूदकर अपनी जान दे देंगी। हालांकि शाम होते ही वे खुद पेड़ से उतरकर घर चली गई। बता दें कि आशा, ऊषा और सहयोगिनी कार्यकर्ता (Asha, Usha and Sahyogini workers) अपनी मांगों को लेकर एक जून से धरना दे रही है।
राज्यमंत्री का दो बार घेराव
आंदोलन के दौरान आशा-ऊषा कार्यकर्ता दो बार राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया (Minister of State OPS Bhadauria) का घेराव भी कर चुकी हैं। एक बार उन्हें राज्यमंत्री भदौरिया (Minister of State Bhadauria) के गुस्से का शिकार भी होना पड़ा। लेकिन उनका प्रदर्शन लगातार जारी है। वे नियमितीकरण (Regularization) के साथ मानदेय बढ़ोत्तरी की भी मांग कर रही है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved