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SC में अरविंद केजरीवाल की सुनवाई में अचानक से आई संजय सिंह के नाम की आवाज

May 06, 2024

नई दिल्ली (New Delhi)। दिल्ली शराब घोटाला केस (liquor scam case) में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) को गिरफ्तारी के करीब 2 महीने होने वाले हैं, मगर अब तक उन्हें राहत नहीं मिल पाई है, हालांकि, सुप्रीम कोर्ट (SC) की टिप्पणी से यह संकेत जरूर मिला है कि अरविंद केजरीवाल को थोड़ी राहत मिल भी सकती है और नहीं भी. अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किय था और तब से वह तिहाड़ जेल में बंद हैं.

आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिस पर अब कल यानी 7 मई को सुनवाई होगी. अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तारी के 43 दिन बाद राहत की उम्मीद देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ईडी से कहा कि वह दिल्ली में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उनकी अंतरिम जमानत याचिका पर सात मई को दलीलें सुनने पर विचार कर सकता है और एजेंसी इसके लिए तैयार रहे.

हालांकि, अरविंद केजरीवाल की याचिका पर जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही थी, तभी अचानक संजय सिंह का नाम भी लिया गया. अगर सुप्रीम कोर्ट गंभीरता दिखाता है तो फिर संजय सिंह की भी मुसीबतें बढ़ सकती हैं.



दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से शुक्रवार के दिन सुनवाई के दौरान कहा कि गिरफ्तारी के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई में समय लगने की संभावना है और इसलिए अदालत उन्हें अंतरिम जमानत देने पर जांच एजेंसी का पक्ष सुनने पर विचार कर रही है.

एएसजी राजू से पीठ ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि हम आज सुनवाई पूरी नहीं कर सकते. हम मंगलवार सुबह इसे देखेगे. अगर इसमें समय लगता है तो हम चुनाव की वजह से अंतरिम जमानत के सवाल पर विचार करेंगे.’ इसके बाद एएसजी राजू ने कहा कि वह अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने का विरोध करेंगे. उन्होंने भरी अदालत में दिल्ली शराब घोटाला मामले में पिछले महीने आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह का नाम लिया और उन्हें जमानत मिलने के बाद उनके द्वारा दिए गए बयानों की ओर इशारा किया.

एएसजी राजू ने कहा, ‘जज साहब, कृपया देखिए कि वह किस तरह के बयान दे रहे हैं.’ इस पर पीठ ने कहा कि वह एजेंसी को पीठ की मंशा से अवगत करा रही है ताकि सात मई को जब अंतरिम जमानत का मुद्दा आए तो वह चौंक नहीं जाए. पीठ ने कहा, ‘हम सिर्फ कह रहे हैं कि हम अंतरिम जमानत पर सुनवाई करेंगे और यह नहीं कह रहे कि हम अंतरिम जमानत देंगे. हम अंतरिम जमानत दे भी सकते हैं और नहीं भी दे सकते.’

उसने अरविंद केजरीवाल की ओर से पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी से कहा, ‘एक चीज और. कृपया निर्देश भी लीजिए. क्योंकि वह जिस पद पर हैं, क्या उन्हें आधिकारिक फाइलों पर हस्ताक्षर करने चाहिए या नहीं करने चाहिए.’ सुनवाई के दौरान सिंघवी ने पीठ को सूचित किया कि 16 मार्च को चुनाव की घोषणा की गई और 21 मार्च को केजरीवाल को ईडी ने उसके पास पिछले साल जुलाई से उपलब्ध बयानों और सामग्रियों के आधार पर गिरफ्तार कर लिया. पीठ ने अभिषेक सिंघवी से पूछा कि दिल्ली में चुनाव कब होने हैं, जिस पर वरिष्ठ अधिवक्ता ने जवाब दिया कि राष्ट्रीय राजधानी में 23 मई को प्रचार थम जाएगा और 25 मई को मदतान होगा. शीर्ष अदालत ने सिंघवी की इन दलीलों की भी आलोचना की कि राजनीतिक दल होने के नाते ‘आप’ धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की धारा 70 के दायरे में नहीं आएगी जो कंपनियों के अपराधों से संबंधित है. पीठ ने कहा, ‘‘आपकी दलीलों को स्वीकार करना मुश्किल है.

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