उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में अवकाश के कारण श्रद्धालुओं की दो दिन से भीड़ बढ़ गई है। इसके कारण दोपहर में आम श्रद्धालुओं को गर्भगृह से भगवान के दर्शन नहीं हो पा रहे। भस्मारती में भी आम श्रद्धालुओं की बजाय वीआईपी और प्रोटोकाल वाले श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जा रहा है। नियम विरूद्ध 1500 रुपए की रसीद वाले श्रद्धालुओं को शाम तक गर्भगृह से दर्शन कराए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले माह से महाकालेश्वर मंदिर में आम श्रद्धालुओं को भी गर्भगृह से दर्शन करने के आदेश मंदिर समिति के अध्यक्ष कलेक्टर आशीष सिंह ने जारी किए थे। इसके लिए दोपहर 1 से 4 बजे तक का समय निर्धारित किया था।
इधर 1500 रुपए की अभिषेक रसीद से गर्भगृह में जाकर पूजा और दर्शन करने के लिए भी कलेक्टर ने दोपहर में 12 से 1 बजे तथा सुबह 6 से 9 बजे तक का समय निर्धारित किया था। इधर भस्मारती दर्शन के लिए सामान्य दर्शनार्थियों के लिए दोपहर 2 से 4 बजे के बीच काउंटर से अनुमति लेने का समय निर्धारित किया गया था। इधर गुरुवार को महावीर जयंती, शुक्रवार को गुड फ्राईडे के अवकाश के चलते तथा आज हनुमान जयंती के अवकाश पर महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। कल तो महाकालेश्वर मंदिर में स्थिति यह हो गई थी कि आम श्रद्धालुओं को दोपहर में गर्भगृह से दर्शन हेतु निर्धारित समय में प्रवेश ही नहीं दिया गया। यहाँ सुबह से लेकर शाम तक 1500 रुपए की अभिषेक रसीद वाले श्रद्धालु गर्भगृह में जाकर पूजा पाठ करते रहे। आम श्रद्धालुओं को सिर्फ नंदी हाल से बेरिकेटस के पीछे से दर्शन कराए गए। कल भस्मारती में भी बड़ी संख्या में वीआईपी और प्रोटोकाल वाले श्रद्धालु पहुँच गए थे। 1500 श्रद्धालुओं की भस्मारती अनुमति में से केवल 100 अन्य लोगों को ही प्रवेश मिल पाया था। इधर भस्मारती परमिशन के लिए मंदिर के परमिशन काउंटर पर भी निर्धारित समय से पहले ही बुकिंग पूरी होने का हवाला देकर श्रद्धालुओं को लौटा दिया गया था। आज के अलावा कल रविवार को भी अवकाश रहेगा और मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। कुल मिलाकर अवकाश के दिनों में महाकाल मंदिर में भीड़ बढऩे के साथ ही आम श्रद्धालुओं को दी जाने वाली सुविधाएँ बंद की जा रही है और सिर्फ 1500 रुपए देकर अभिषेक रसीद लेने वाले और प्रोटोकाल तथा वीआईपी स्तर के श्रद्धालुओं को ही महाकाल मंदिर के गर्भगृह से लेकर भस्मारती में प्रवेश दिया जा रहा है। आम लोगों को भस्मारती और गर्भगृह में प्रवेश से वंचित रखा जा रहा है। इससे श्रद्धालुओं में आक्रोश व्याप्त है।
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