उज्जैन। गर्मी की शुरुआत होते ही शहर के बर्फ कारखानों ने काम शुरू कर दिया है लेकिन यहाँ बर्फ बनाने में जो पानी उपयोग किया जा रहा है उसकी गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस पर खाद्य विभाग को जाँच करना चाहिए। गंदे पानी के बर्फ के उपयोग से कई प्रकार की बीमारियों का खतरा बना रहता है। शहर में बर्फ बनाने के 50 से अधिक कारखाने हैं और गर्मी का मौसम शुरू होते ही यहाँ धड़ल्ले से बर्फ बनाने का काम शुरू हो जात है और बर्फ के लिए जो पानी उपयोग किया जाता है वह दूषित और गुणवत्ताहीन है।
कई बर्फ फैक्टरी मालिकों ने अपने यहाँ बर्फ बनाने के लिए बोरिंग करवा रखे हैं लेकिन इन बोरिंगों से निकलने वाले पानी की जाँच नहीं करवाई है और उसी पानी से बर्फ का निर्माण किया जाता है। इस दूषित पानी के बर्फ का उपयोग करने से कई प्रकार की बीमारियों का खतरा बना रहता है। गर्मी में लोग उल्टी-दस्त, पीलिया सहित अन्य बीमारियों का शिकार हो जाते हैं और यह सब दूषित पानी से बने बर्फ के सेवन से होता है। ऐसे में प्रशासन को इन कारखानों पर छापा मार कार्रवाई कर यहाँ की जाँच करना चाहिए।
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