इंदौर। कलेक्टर आशीष सिंह की पहल पर लालबाग में लगाया गया दो दिवसीय आवास मेला सुपर हिट साबित हुआ और 26 हजार से अधिक जरूरतमंदों ने फ्लेट और प्लॉट के लिए अपना रजिस्ट्रेशन तो कराया ही, वहीं 1100 भूखंड हाथों हाथ राशि जमा कर खरीद भी लिए। लगभग 5 हजार भूखंड इस मेले में उपलब्ध कराए गए हैं। अब जो रजिस्ट्रेशन हुए हैं, उसके आधार पर आवंटन की प्रक्रिया कराई जाएगी, वहीं प्रशासन का कहना है कि अभी 150 कॉलोनियों को रेरा अनुमति मिलना है, लिहाजा उनमें भी हजारों की संख्या में भूखंड निकलेंगे, जो ईडब्ल्यूएस और एलआईजी श्रेणी के लोगों को आवंटित किए जाएंगे।
आवास मेले में जहां पहले ही दिन सुबह से भीड़ लगना शुरू हुई, तो शाम तक यह सिलसिला जारी रहा और कल रविवार को तो बड़ी संख्या में फ्लैट और भूखंड खरीदने लोग पहुंचे। कलेक्टर आशीष सिंह के मुताबिक आवासहीनों की समस्या हल करने और वैध कॉलोनियों में फ्लेट-भूखंड उपलब्ध कराने के लिए यह मेला आयोजित किया और खरीददारों ने भी इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि वे अपने आशियाने का सपना साकार कर सकेंगे। दरअसल, पंचायत क्षेत्र में विकास अनुमति देते वक्त प्रशासन ईडब्ल्यूएस और एलआईजी श्रेणी के भूखंड और फ्लेटों का प्रावधान करता है। अभी 120 कॉलोनियों को रेरा अनुमति मिली, उन्हीं में 5 हजार से अधिक भूखंड और फ्लैट विक्रय के लिए मेले में उपलब्ध कराए और संबंधित कॉलोनियों के स्टॉल भी लगवाए, ताकि खरीददार अपनी पसंद और सुविधा के मुताबिक चयन कर सके।
कॉलोनी सेल के प्रभारी अपर कलेक्टर गौरव बेनल के मुताबिक इससे एक डाटाबेस भी तैयार हो गया है और अब इन 27 हजार से अधिक जरूरतमंदों को भूखंड और फ्लैट के आवंटन में आसानी भी रहेगी। विभिन्न बैंकों द्वारा ऋण प्रक्रिया के लिए स्टॉल भी लगाए गए, वहीं कॉलोनी सेल में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर प्रदीप सोनी के मुताबिक चूंकि रेरा अनुमति वाले प्रोजेक्टों के ही भूखंड और फ्लेट मेले में शामिल किए गए थे और इस साल जनवरी से लेकर अभी तक 250 कॉलोनियों को अनुमति दी गई है। मगर लगभग 150 में रेरा अनुमति आना बाकी है और उसमें भी बड़ी संख्या में भूखंड और फ्लैट उपलब्ध होंगे, जो इन जरूरतमंदों को आबंटित किए जा सकेंगे। 1100 से अधिक परिवारों ने तो हाथों हाथ भूखंड पसंद कर निर्धारित राशि जमा भी कराकर आवंटन प्राप्त कर लिया।
पहली बार लगाए इस मेले को जरूरतमंदों का बेहतर प्रतिसाद मिला है और हमारे पास भी इन जरूरतमंदों की जानकारी आ गई है, जिसके चलते लगातार आवंटन करवाने में भी आसानी होगी। 25 से 50 प्रतिशत तक ये भूखंड और फ्लैट मौजूदा बाजार कीमत से कम दर पर जरूरतमंदों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों अग्निबाण ने ही प्रशासन को यह सुझाव दिया था कि इस तरह का आवास मेला लगाया जाए, ताकि जरूरतमंदों को एक ही स्थान पर जानकारी के साथ उपलब्ध भूखंड और फ्लैटों की संख्या पता लग सके। अभी विकास अनुमति प्राप्त करने के बाद कॉलोनाइजर और बिल्डर समाचार-पत्रों में विज्ञप्ति देकर ईडब्ल्यूएस और एलआईजी के आरक्षित भूखंड और फ्लैटों की बिक्री करते हैं और उसमें उनके द्वारा जो मनचाहे आवंटन किए जाते हैं, उस पर रोक लगेगी।
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