- पीएचई के उडऩ दस्ते को यहाँ नजर नहीं आ रहे पानी चोरी के लिए लगाए गए अवैध मोटर पंप
उज्जैन। मकर संक्रांति स्नान के लिए पिछले 4 दिनों से गऊघाट से लेकर रामघाट तक शिप्रा में जमा पूर्व का गंदा पानी आगे बढ़ाया गया। इसके बाद पर्व स्नान के लिए नर्मदा का पानी त्रिवेणी तक आया। यह रामघाट पहुँचता इसके पहले ही त्रिवेणी ब्रिज के नीचे तथा आसपास के खेत वालों ने मोटर पंप डालकर पानी चोरी शुरु कर दी। हैरत की बात यह है कि दर्जनों मोटर पंप नदी किनारे साफ दिखाई दे रहे हैं लेकिन पीएचई के उडऩ दस्ते को यह सब नजर नहीं आ रहा है। पिछली बार शनिचरी अमावस्या का स्नान त्रिवेणी पर बने मिट्टी के बाँध के बह जाने के कारण श्रद्धालुओं को कान्ह नदी के दूषित पानी से स्नान करना पड़ा था। उस वक्त जल संसाधन विभाग ने इसके पीछे कान्ह नदी का जलस्तर बढऩे तथा ओव्हर फ्लो होने से मिट्टी के बाँध को दबाव में बह जाना बताया था। हालांकि इसके बाद संतों का शिप्रा शुद्धिकरण को लेकर आंदोलन हुआ। बात मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान तक पहुँची। राजधानी से तीन विभागों के प्रमुख सचिव जहाँ कान्ह नदी का दूषित पानी शिप्रा में मिलता है वह सारे स्थान देखने आए। उन्होंने जाकर मंत्रालय में रिपोर्ट दी।
इसका असर यह हुआ कि इंदौर और देवास जिला प्रशासन पर कान्ह नदी और नालों को शिप्रा में मिलने से रोकने के प्रयास करने हेतु दबाव बना। इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह तथा आयुक्त प्रतिभा पाल ने कान्ह नदी के जरिये शिप्रा में उड़ेल रहे उद्योग के जहरीले पानी छोडऩे वाले कई उद्योगों पर कार्रवाई की। अभी भी यह सिलसिला चल रहा है। इधर 14 जनवरी को मकर संक्रांति स्नान पर शनिचरी अमावस्या स्नान जैसी अव्यवस्था न हो इसके लिए त्रिवेणी स्टाप डेम के साथ-साथ मिट्टी का बाँध भी पिछले कई दिनों से बनाया जा रहा था। इधर मिट्टी का बाँध बनने के बाद नर्मदा का पानी शिप्रा में छोडऩा शुरु कर दिया गया। अभी त्रिवेणी क्षेत्र में नर्मदा का पानी शिप्रा में आया ही था कि आसपास के किसानों ने नदी किनारे दर्जनों मोटर पंप खुलेआम डालकर पानी की चोरी शुरु कर दी है। हैरत की बात यह है कि एक ओर पीएचई कलेक्टर के निर्देश पर गंभीर बाँध तथा उसके केचमेंट ऐरिये में दिनरात निगरानी कर पानी चोरी रोकने तथा अवैध मोटर जब्त करने के दावे कर रही है। सप्ताह में एक या दो पंप की जब्ती भी बताई जा रही है परंतु त्रिवेणी क्षेत्र में शिप्रा नदी किनारे अवैध पानी चोरी के लिए लगाए गए बड़ी मोटरें एवं पंप किसी अधिकारी को नजर नहीं आ रहे हैं।