रायपुर । छत्तीसगढ़ में (In Chhattisgadh) दोबारा सत्ता में लौटते ही (As soon as it Returned to Power) भाजपा (BJP) ने वादों को पूरा करने का सिलसिला (Process of Fulfilling its Promises) शुरू कर दिया (Started) । इसी के जरिए 2024 के लोकसभा चुनाव में बड़ी सफलता की पटकथा लिखने की शुरुआत भी कर दी है। राज्य के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 90 सीटों में से 54 पर जीत दर्ज की है और बहुमत के आंकड़े से काफी आगे रही है।
सत्ता की कमान संभालते ही राज्य के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के अलावा दोनों उप-मुख्यमंत्री अरुण साव व विजय शर्मा चुनाव के दौरान किए गए वादों को पूरा करने में जुट गए हैं। पहले तो उन्होंने भाजपा के घोषणा पत्र की प्रति राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन को सौंपी और वादों को कैसे पूरा किया जाए, इसका खाका खींचने के निर्देश दिए। एक तरफ जहां घोषणा पत्र के अनुसार नई सरकार ने कदम आगे बढ़ाने की तैयारी कर ली है तो वहीं दूसरी ओर पहली ही कैबिनेट में आवासहीनों को 18 लाख से अधिक आवास मुहिया करने को मंजूरी दे दी। कुल मिलाकर नई सरकार ने अपने वादों को पूरा करना शुरू कर दिया है। कहा जा रहा है कि यह काम लोकसभा चुनाव के मद्देनजर तेजी से किए जा रहे हैं।
भाजपा की पहली कैबिनेट के बाद कांग्रेस ने हमला बोला और संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने किसानों, महिलाओं के लिए किए गए वादों पर सरकार द्वारा कोई फैसला न किए जाने पर सवाल उठाए और कहा किसानों की धान खरीदी से पहले यह निर्णय लिया जाना जरुरी था। खरीदी केंद्रों तक निर्देश नहीं पहुंचेगे तो किसानों को लाभ कैसे मिलेगा, मगर सरकार ने इसे प्राथमिकता से नहीं लिया।
राज्य में सरकार गठन को लेकर भाजपा ने जातीय संतुलन को भी साधने की कोशिश की है। राज्य में आदिवासी वर्ग सबसे बड़ी तादाद में है। लिहाजा मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी इसी वर्ग के विष्णु देव साय को सौंपी गई है। इसके अलावा राज्य में कांग्रेस लगातार पिछड़े वर्ग की राजनीति कर रही थी जिसका जवाब देने के मकसद से उपमुख्यमंत्री अरुण साव को बनाया गया है। इतना ही नहीं, हिंदूवादी छवि के नेतर युवा विजय शर्मा, जो ब्राह्मण वर्ग से आते हैं, को उपमुख्यमंत्री की कमान सौंपी गई है।
राजनीति विश्लेषकों का मानना है कि राज्य में भाजपा को बड़ा बहुमत मिला है तो अब सरकार को वादों को पूरा करना है, क्योंकि कुछ समय बाद ही लोकसभा के चुनाव हैं। राज्य की लोकसभा की 11 सीटें हैं जिनमें से वर्तमान में भाजपा के पास नौ है और पार्टी की कोशिश होगी कि वह सभी 11 सीटों पर जीत हासिल करे। यह तभी संभव है जब किए गए वादों को पूरा किया जाए। यही कारण है कि भले ही पूरे मंत्रिमंडल का गठन न हुआ हो, लेकिन वादों को पूरा करने की दिशा में सरकार ने कदम जरूर बढ़ा दिए हैं।
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