नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाला केस में अरविंद केजरीवाल पर दोहरी मुसीबत पड़ी है. अरविंद केजरीवाल पर पहले ईडी ने एक्शन लिया और सीबीआई का शिकंजा कसा है. अरविंद केजरीवाल अभी तिहाड़ जेल में बंद हैं. वह तिहाड़ जेल में अपने वकीलों के साथ मुलाकात की संख्या बढ़वाना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अपने वकीलों से अतिरिक्त मुलाकात के अनुरोध वाली याचिका पर आज यानी सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने भरी अदालत में अपने वकीलों के साथ लीगल मुलाकात की संख्या चार करने की मांग की.
अरविंद केजरीवाल की इस मांग पर दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने तिहाड़ जेल अथॉरिटी और ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अब इस मामले की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में 15 जुलाई को होगी. ईडी और तिहाड़ प्रशासन को 15 जुलाई तक अरविंद केजरीवाल की याचिका पर अपना जवाब देना है. बता दें कि वर्तमान में अरविंद केजरीवाल को सप्ताह में दो बार अपने वकीलों से मुलाकात की अनुमति है. अब वह चार बार वकीलों से मुलाकात चाहते हैं.
जस्टिस न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने इस मामले की सुनवाई की. अरविंद केजरीवाल ने निचली अदालत के एक जुलाई के आदेश को चुनौती दी है. इसमें जेल अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपने वकीलों से सप्ताह में दो अतिरिक्त मुलाकात की अनुमति देने के निर्देश देने संबंधी अर्जी को खारिज कर दिया गया था.
इससे पहले निचली अदालत के समक्ष दायर याचिका में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह देश भर में लगभग 30 मुकदमों का सामना कर रहे हैं और निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार के आधार पर उन्हें इन मामलों पर चर्चा करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपने वकीलों के साथ दो अतिरिक्त मुलाकात की जरूरत है. अदालत ने अर्जी खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के वकील यह बताने में विफल रहे हैं कि वह उन्हीं आधार पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दो अतिरिक्त मुलाकात का हकदार कैसे हैं, जिन पर पहले के आदेश में चर्चा की गई थी और निपटारा कर दिया गया था.
अलग-अलग याचिकाओं में अरविंद केजरीवाल ने कथित आबकारी नीति घोटाले के संबंध में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है और जमानत का भी अनुरोध किया है. दोनों याचिकाएं दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित हैं. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को सीबीआई ने 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था, जहां वह प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज धन शोधन के एक मामले में अभी भी न्यायिक हिरासत में बंद हैं.
अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था. उन्हें धन शोधन मामले में निचली अदालत ने 20 जून को जमानत दे दी थी। हालांकि, उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी थी. दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा आबकारी नीति बनाने और क्रियान्वयन से जुड़ी कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच के आदेश देने के बाद 2022 में इस नीति को रद्द कर दिया गया था। सीबीआई और ईडी के अनुसार, आबकारी नीति में संशोधन करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया.
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